Bihar Jamin Survey-2025 तक हर राजस्व ग्राम का होगा डिजिटल नक्शा जारी, जानें सर्वे से जुड़े 3 बड़े सवाल

बिहार में भूमि सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य राज्य की भूमि के रिकॉर्ड को अपडेट करना और विवादों को सुलझाना है। यह सर्वेक्षण सभी भूस्वामियों के लिए अनिवार्य है, और इसके तहत उन्हें अपनी जमीन का सही विवरण प्रस्तुत करना होगा।

इस प्रक्रिया में कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, और इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है। इस लेख में हम बिहार जमीन सर्वेक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जैसे कि आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया, और इसके लाभ।

बिहार जमीन सर्वेक्षण का महत्व

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य भूमि के अधिकारों को स्पष्ट करना और विवादों को खत्म करना है। इससे न केवल भूस्वामियों को अपने अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी, बल्कि राज्य सरकार को भी भूमि उपयोग के संबंध में बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

इस सर्वेक्षण के माध्यम से जमीन का रिकॉर्ड आधुनिक तकनीक से अपडेट किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सकेगा।

सर्वेक्षण की प्रक्रिया

बिहार में जमीन सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। अब भूस्वामी अपने घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कुछ आवश्यक दस्तावेज तैयार करने होंगे और निर्धारित फॉर्म भरने होंगे।

सर्वेक्षण से संबंधित जानकारीविवरण
योजना का नामबिहार जमीन सर्वेक्षण
आवेदन की प्रारंभ तिथि20 अगस्त 2024
आवेदन की अंतिम तिथि30 नवंबर 2024 (बढ़ाई गई)
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन और ऑफलाइन
आवश्यक दस्तावेजआधार कार्ड, खतियान, रसीद आदि
लाभभूमि रिकॉर्ड का अद्यतन, विवादों का समाधान

आवश्यक दस्तावेज

  • स्वघोषणा पत्र (प्रपत्र-2): इसमें भूस्वामी को अपनी जमीन का विवरण देना होगा।
  • वंशावली प्रपत्र (प्रपत्र-3(1)): यह प्रपत्र परिवार के सदस्यों के नाम और उनके हिस्सेदारी का विवरण देता है।
  • खतियान: जमीन के स्वामित्व का प्रमाण।
  • जमाबंदी रसीद: भूमि पर कर अदायगी का प्रमाण।
  • आधार कार्ड: पहचान प्रमाण के लिए।
  • पासपोर्ट साइज फोटो: आवेदन पत्र पर लगाने के लिए।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन

  1. सरकारी वेबसाइट पर जाएं: भू राजस्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाएं।
  2. फॉर्म डाउनलोड करें: होमपेज पर दिए गए भूमि रिकॉर्ड पोर्टल विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक फॉर्म डाउनलोड करें।
  3. फॉर्म भरें: सभी आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेजों को संलग्न करें।
  4. फॉर्म सबमिट करें: भरे हुए फॉर्म को ऑनलाइन सबमिट करें।

ऑफलाइन आवेदन

  1. फॉर्म भरें: सभी आवश्यक जानकारी भरें।
  2. दस्तावेज संलग्न करें: सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें।
  3. स्थानीय कैंप में जमा करें: भरे हुए फॉर्म को गांव में आयोजित कैंप में जमा करें।

लाभ

  • भूमि रिकॉर्ड का अद्यतन: यह सुनिश्चित करेगा कि सभी भूमि रिकॉर्ड सही और अद्यतन हैं।
  • विवादों का समाधान: इससे भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
  • राजस्व में वृद्धि: सही रिकॉर्डिंग से राज्य सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा।
  • पारदर्शिता: भूमि अधिग्रहण और अन्य मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी।

निष्कर्ष

बिहार में जमीन सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो न केवल भूस्वामियों के अधिकारों की सुरक्षा करती है, बल्कि राज्य सरकार को भी बेहतर निर्णय लेने में मदद करती है। सभी भूस्वामियों को इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।

सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आवेदन करने से वे इस प्रक्रिया का लाभ उ

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