1 जुलाई से बदलेगा स्कूलों में हाजिरी का तरीका! जानिए नया नियम UP Schools New Attendance System

उत्तर प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एक बहुत बड़ा बदलाव किया है। अब 1 जुलाई 2025 से यूपी बोर्ड के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में पारदर्शिता लाना, फर्जी नामांकन रोकना और छात्रों की उपस्थिति बढ़ाना है। नई व्यवस्था के तहत, हर स्कूल को एक खास सॉफ्टवेयर और पोर्टल दिया गया है, जिसमें हर दिन सुबह 11 बजे तक सभी छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इससे न सिर्फ स्कूलों की निगरानी आसान होगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी।

अब तक स्कूलों में हाजिरी मैन्युअल तरीके से ली जाती थी, जिससे कई बार फर्जी हाजिरी, घोस्ट स्टूडेंट्स और गैर-जिम्मेदाराना रवैये की शिकायतें आती थीं। लेकिन अब डिजिटल attendance system के आने से हर छात्र और शिक्षक की उपस्थिति रियल टाइम में रिकॉर्ड होगी। इसके लिए स्कूलों में biometric attendance system भी लगाया जाएगा, जिससे फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन के जरिए हाजिरी लगेगी। इस बदलाव से न सिर्फ छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होगी। साथ ही, पैरेंट्स को भी अपने बच्चों की उपस्थिति की जानकारी तुरंत SMS के जरिए मिल सकेगी।

New Attendance System in UP Schools – Overview Table

जानकारी (Information)विवरण (Details)
नई व्यवस्था लागू होने की तारीख1 जुलाई 2025
लागू होने वाले स्कूलसभी सरकारी, सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूल
कक्षाएं (Classes)9वीं से 12वीं
कुल स्कूल27,000+
कुल छात्र1 करोड़ (लगभग)
कुल शिक्षक5 लाख (लगभग)
हाजिरी का तरीकाऑनलाइन पोर्टल/बायोमेट्रिक सिस्टम
रिपोर्ट भेजने का समयहर दिन सुबह 11 बजे तक
निगरानी करने वालायूपी बोर्ड
उद्देश्यपारदर्शिता, फर्जी नामांकन रोकना, उपस्थिति बढ़ाना

यूपी स्कूलों में नया Attendance System क्या है?

यूपी बोर्ड ने शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी स्कूलों में online attendance system लागू किया है। इस सिस्टम के तहत हर छात्र, शिक्षक और कर्मचारी की हाजिरी एक खास पोर्टल या सॉफ्टवेयर पर दर्ज होगी। कुछ स्कूलों में biometric attendance system भी लगाया गया है, जिसमें फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन से उपस्थिति दर्ज होगी। यह व्यवस्था खासतौर पर कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए अनिवार्य है।

अब स्कूल के प्रिंसिपल या कंप्यूटर ऑपरेटर को हर दिन सुबह 11 बजे तक सभी छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। अगर कोई छात्र या शिक्षक स्कूल कैंपस के 200 मीटर के दायरे से बाहर है तो उसकी हाजिरी मान्य नहीं होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी छात्र और शिक्षक समय पर स्कूल आएं और क्लास में मौजूद रहें।

ऑनलाइन हाजिरी सिस्टम के मुख्य फायदे

  • पारदर्शिता में बढ़ोतरी: अब फर्जी नामांकन और घोस्ट स्टूडेंट्स की समस्या खत्म होगी।
  • ड्रॉपआउट पर नियंत्रण: रियल टाइम attendance data से स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की पहचान आसान होगी।
  • शिक्षकों की जवाबदेही: सभी शिक्षकों की उपस्थिति और पढ़ाई की निगरानी होगी।
  • पैरेंट्स को सूचना: अगर कोई छात्र अनुपस्थित है तो उसके माता-पिता को तुरंत SMS मिलेगा।
  • नीति निर्धारण में मदद: सही attendance data से सरकार और बोर्ड को सही योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
  • स्कूलों की रैंकिंग और निगरानी: स्कूल की उपस्थिति रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों की रैंकिंग और निगरानी आसान होगी।

ऑनलाइन Attendance System कैसे काम करेगा?

  1. हाजिरी दर्ज करना: क्लास टीचर पहले मैन्युअल हाजिरी लेंगे, फिर वह रजिस्टर प्रिंसिपल ऑफिस में भेजेंगे।
  2. डाटा एंट्री: कंप्यूटर ऑपरेटर या प्रिंसिपल स्कूल के लॉगिन आईडी से पोर्टल पर डाटा अपलोड करेंगे।
  3. रियल टाइम रिपोर्टिंग: हर दिन सुबह 11 बजे तक सभी छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति बोर्ड के पोर्टल पर दर्ज हो जाएगी।
  4. SMS अलर्ट: अनुपस्थित छात्रों के माता-पिता को तुरंत SMS भेजा जाएगा।
  5. लोकेशन वेरिफिकेशन: हाजिरी सिर्फ स्कूल कैंपस के 200 मीटर के अंदर से ही मान्य होगी।
  6. बायोमेट्रिक सिस्टम: कुछ स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन से फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन से हाजिरी लगेगी।

ऑनलाइन Attendance System के Challenges

  • इंटरनेट कनेक्टिविटी: ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में इंटरनेट की कमी एक बड़ी चुनौती है।
  • तकनीकी ट्रेनिंग: सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर चलाने की ट्रेनिंग देना जरूरी है।
  • इमरजेंसी या मौसम की समस्या: बारिश, ट्रैफिक या अन्य इमरजेंसी में समय पर स्कूल पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
  • डाटा सिक्योरिटी: सभी छात्रों और शिक्षकों का डाटा सुरक्षित रखना जरूरी है।
  • तकनीकी खराबी: बायोमेट्रिक मशीन या पोर्टल में तकनीकी खराबी आने पर हाजिरी दर्ज करने में दिक्कत हो सकती है।

Attendance Management System के फायदे

  • रियल टाइम मॉनिटरिंग: हर छात्र और शिक्षक की उपस्थिति तुरंत देखी जा सकती है।
  • पैरेंट्स की भागीदारी: पैरेंट्स को अपने बच्चों की उपस्थिति की जानकारी तुरंत मिलती है।
  • डिसिप्लिन में सुधार: छात्रों और शिक्षकों की नियमित उपस्थिति से स्कूल का माहौल अनुशासित रहता है।
  • फर्जी हाजिरी की रोकथाम: बायोमेट्रिक या ऑनलाइन सिस्टम से फर्जी हाजिरी नामुमकिन हो जाती है।
  • डाटा एनालिसिस: स्कूल और सरकार attendance data का विश्लेषण कर बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
  • रिपोर्टिंग आसान: स्कूल को सरकारी रिपोर्टिंग के लिए attendance data आसानी से मिल जाता है।

यूपी बोर्ड के इस फैसले का असर

  • छात्रों पर असर: अब छात्रों को स्कूल में नियमित आना जरूरी होगा, क्योंकि अनुपस्थिति की सूचना तुरंत पैरेंट्स को मिल जाएगी।
  • शिक्षकों पर असर: शिक्षकों की उपस्थिति और पढ़ाई की निगरानी होगी, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी।
  • स्कूल प्रशासन पर असर: स्कूल प्रशासन को हर दिन attendance data अपलोड करना होगा, जिससे उनकी जवाबदेही बढ़ेगी।
  • सरकार और बोर्ड पर असर: सरकार और बोर्ड को सही enrollment और attendance data मिलेगा, जिससे योजनाएं बनाना आसान होगा।

यूपी के स्कूलों में Attendance System से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

  • हर स्कूल को टैबलेट या कंप्यूटर दिया गया है attendance अपलोड करने के लिए।
  • सभी स्कूलों को attendance पोर्टल की ट्रेनिंग दी जा रही है।
  • स्कूलों में biometric attendance system भी लगाया जा रहा है।
  • हर स्कूल को attendance data अपलोड करने के लिए एक यूनिक लॉगिन आईडी दी गई है।
  • अनुपस्थित छात्रों के पैरेंट्स को SMS अलर्ट भेजा जाएगा।
  • स्कूल कैंपस के बाहर से भेजी गई attendance मान्य नहीं होगी।
  • स्कूलों को attendance रिपोर्ट हर दिन सुबह 11 बजे तक भेजनी होगी।

Attendance System से जुड़े सवाल-जवाब (FAQs)

Q1. क्या सभी स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी?
हाँ, यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों में यह व्यवस्था लागू होगी।

Q2. क्या यह व्यवस्था सिर्फ छात्रों के लिए है?
नहीं, यह व्यवस्था छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों सभी के लिए है।

Q3. अगर इंटरनेट नहीं है तो attendance कैसे होगी?
ऐसी स्थिति में स्कूल को मैन्युअल attendance रखनी होगी और जैसे ही इंटरनेट उपलब्ध हो, पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।

Q4. पैरेंट्स को attendance की जानकारी कैसे मिलेगी?
अगर छात्र अनुपस्थित है तो उसके पैरेंट्स को तुरंत SMS के जरिए सूचना मिलेगी।

Q5. क्या biometric attendance सभी स्कूलों में होगी?
फिलहाल कुछ स्कूलों में biometric attendance लागू की गई है, आगे चलकर सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा।

डिजिटल Attendance System से भविष्य की उम्मीदें

यूपी बोर्ड का यह फैसला शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव है। इससे न सिर्फ छात्रों की उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी। पारदर्शिता आने से फर्जी नामांकन, घोस्ट स्टूडेंट्स और गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर रोक लगेगी। सरकार को भी सही डाटा मिलेगा, जिससे योजनाएं बनाना आसान होगा। पैरेंट्स की भागीदारी बढ़ेगी और छात्रों की पढ़ाई में सुधार होगा।

Disclaimer:

यह जानकारी यूपी बोर्ड के ताजा आदेशों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। ऑनलाइन attendance system 1 जुलाई 2025 से लागू किया जा रहा है और इसका उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाना है। हालांकि, कुछ जगहों पर इंटरनेट और तकनीकी चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन इसे सफल बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सभी स्कूलों को समय रहते ट्रेनिंग और जरूरी संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। यह योजना पूरी तरह असली है और जल्द ही सभी स्कूलों में लागू हो जाएगी।

Author

  • Kajal Kumari

    Kajal Kumari is an experienced writer with over 7 years of expertise in creating engaging and informative content. With a strong educational background in literature and communication.

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