भारत में नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और कुछ स्टेट हाईवे पर सफर करते समय अधिकतर लोगों को टोल टैक्स देना पड़ता है। यह शुल्क सड़क रखरखाव, मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण के लिए लिया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास लोग और वाहन ऐसे हैं जिन्हें टोल टैक्स से पूरी तरह छूट मिलती है? यानी ये लोग देशभर के टोल प्लाजा से बिना कोई शुल्क दिए गुजर सकते हैं। यह छूट भारत सरकार के कानून और सड़क परिवहन मंत्रालय के नियमों के तहत दी जाती है।
2025 में टोल टैक्स से जुड़े कई नए नियम लागू हुए हैं, जिसमें डिजिटल पेमेंट, फास्टैग और वार्षिक पास जैसी सुविधाएं शामिल हैं। लेकिन टोल टैक्स छूट की व्यवस्था अब भी पहले जैसी ही है।
आम नागरिकों के लिए यह जानना जरूरी है कि किन-किन पदाधिकारियों, संस्थाओं, और वाहनों को टोल टैक्स से राहत मिलती है, ताकि वे अपने अधिकारों का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें और अनावश्यक विवाद से बच सकें।
इस लेख में हम आपको विस्तार से बताएंगे कि टोल टैक्स से पूरी तरह छूट किन-किन लोगों और वाहनों को मिलती है, छूट के नियम क्या हैं, और 2025 की नई टोल नीति में क्या बदलाव हुए हैं। साथ ही, वार्षिक पास, फास्टैग और इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग के नए प्रावधान भी समझाएंगे।
Toll Tax Exemption
बिंदु | विवरण |
छूट पाने वाले लोग | राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, न्यायाधीश, सांसद, मंत्री आदि |
छूट पाने वाले वाहन | सेना, पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस, NHAI, सड़क निरीक्षण वाहन |
छूट का आधार | सरकारी पद, ड्यूटी पर होना, सरकारी कार्य के लिए वाहन |
वार्षिक पास की व्यवस्था | 2025 में 3,000 रुपये में सालाना पास (कार के लिए) |
लाइफटाइम पास | पहले था, अब बंद (15 साल के लिए 30,000 रुपये) |
फास्टैग अनिवार्यता | सभी वाहनों के लिए जरूरी, छूट वाले वाहनों पर लागू नहीं |
टोल टैक्स में बदलाव | प्रति किमी शुल्क, ANPR सिस्टम, डिजिटल पेमेंट, बैरियर-फ्री टोल |
छूट का दुरुपयोग | गलत जानकारी या फर्जी दस्तावेज पर छूट नहीं मिलेगी |
छूट के लिए दस्तावेज | सरकारी पहचान पत्र, ड्यूटी ऑर्डर, वाहन पर स्पष्ट चिन्ह |
टोल टैक्स से छूट किन-किन लोगों को मिलती है?
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति
- प्रधानमंत्री
- राज्यपाल और उप-राज्यपाल
- मुख्य न्यायाधीश (सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट)
- सांसद (MPs), विधायक (MLAs), विधान परिषद सदस्य (MLCs)
- लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा सभापति
- केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री
- राज्य विधान परिषद के सभापति और विधानसभा अध्यक्ष
- भारत सरकार के सचिव और उच्च पदस्थ अधिकारी
- विदेशी उच्च पदस्थ अधिकारी (आधिकारिक दौरे पर)
टोल टैक्स से छूट किन-किन वाहनों को मिलती है?
- भारतीय सेना, नेवी, एयरफोर्स के वाहन (सरकारी ड्यूटी पर)
- अर्धसैनिक बलों (CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB) के वाहन
- पुलिस वाहन (ड्यूटी पर)
- अग्निशमन विभाग (Fire Brigade) के वाहन
- एंबुलेंस और शव वाहन
- NHAI और सड़क निरीक्षण में लगे वाहन
- कार्यकारी मजिस्ट्रेट के वाहन
- डिजास्टर मैनेजमेंट, राहत और बचाव कार्य में लगे वाहन
- पोस्टल डिपार्टमेंट के सरकारी वाहन
टोल टैक्स छूट के लिए जरूरी शर्तें
- छूट सिर्फ सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान ही मान्य है।
- वाहन पर संबंधित विभाग या पद का चिन्ह/बोर्ड होना चाहिए।
- पहचान पत्र या ड्यूटी ऑर्डर दिखाना जरूरी है।
- निजी कार्य के लिए छूट नहीं मिलेगी।
- फर्जी दस्तावेज या जानकारी देने पर छूट नहीं दी जाएगी।
टोल टैक्स छूट – ओवरव्यू टेबल
श्रेणी/व्यक्ति/वाहन | छूट का प्रकार/शर्तें |
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति | पूरी तरह छूट, सरकारी वाहन या ड्यूटी पर |
प्रधानमंत्री | पूरी तरह छूट, सरकारी वाहन या ड्यूटी पर |
राज्यपाल, उप-राज्यपाल | पूरी तरह छूट, सरकारी वाहन या ड्यूटी पर |
सांसद, विधायक, मंत्री | पूरी तरह छूट, सरकारी वाहन या ड्यूटी पर |
मुख्य न्यायाधीश, जज | पूरी तरह छूट, सरकारी वाहन या ड्यूटी पर |
भारतीय सेना, अर्धसैनिक बल | ड्यूटी पर वाहन को पूरी छूट |
पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस | ड्यूटी पर वाहन को पूरी छूट |
NHAI, सड़क निरीक्षण वाहन | ड्यूटी पर वाहन को पूरी छूट |
वार्षिक पास (कार मालिक) | 3,000 रुपये में पूरे साल टोल फ्री यात्रा |
GNSS/ANPR सिस्टम | डिजिटल टोलिंग, फास्टैग जरूरी, छूट वाले वाहनों पर नहीं |
2025 की नई टोल नीति और वार्षिक पास
- 3,000 रुपये में वार्षिक पास: अब कार मालिक 3,000 रुपये में सालाना पास ले सकते हैं, जिससे पूरे साल किसी भी हाईवे या एक्सप्रेसवे पर बिना टोल दिए यात्रा कर सकते हैं।
- लाइफटाइम पास बंद: पहले 30,000 रुपये में 15 साल के लिए लाइफटाइम पास मिलता था, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो गई है।
- प्रति किलोमीटर शुल्क: अब टोल प्लाजा पर नहीं, बल्कि वाहन की दूरी के हिसाब से टोल लगेगा।
- ANPR सिस्टम: ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम लागू किया जा रहा है, जिससे टोल वसूली बिना रुकावट के होगी।
- डिजिटल पेमेंट: फास्टैग के बाद अब GNSS आधारित टोलिंग सिस्टम लागू किया जा रहा है।
- 20 किलोमीटर तक यात्रा मुफ्त: नए सिस्टम में 20 किमी तक की छोटी यात्रा पर टोल नहीं लगेगा।
टोल टैक्स छूट – नागरिकों के लिए जरूरी सुझाव
- अगर आप छूट के पात्र हैं, तो हमेशा पहचान पत्र और ड्यूटी ऑर्डर साथ रखें।
- टोल प्लाजा पर नियमों का पालन करें और विवाद से बचें।
- वार्षिक पास या डिजिटल टोलिंग के नए नियमों की जानकारी रखें।
- फास्टैग और डिजिटल पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करें।
- छूट का दुरुपयोग न करें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
2025 की नई टोल नीति – आम लोगों के लिए राहत
- टोल शुल्क में लगभग 50% तक की कमी
- 3,000 रुपये में पूरे साल टोल फ्री यात्रा (कार के लिए)
- टोल बूथ की जगह डिजिटल टोलिंग, ट्रैफिक जाम में राहत
- प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क, छोटे सफर पर छूट
- ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और GNSS सिस्टम
निष्कर्ष
भारत में टोल टैक्स छूट का नियम पूरी तरह पारदर्शी और सरकारी दिशा-निर्देशों पर आधारित है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायाधीश, सांसद, मंत्री, सेना, पुलिस, अग्निशमन, एंबुलेंस, सड़क निरीक्षण जैसे खास लोग और वाहन टोल टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं, लेकिन यह छूट सिर्फ सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान ही मान्य है।
2025 की नई टोल नीति से आम लोगों को भी राहत मिलने वाली है, जिसमें वार्षिक पास, डिजिटल टोलिंग और प्रति किलोमीटर शुल्क जैसी सुविधाएं शामिल हैं। नागरिकों को चाहिए कि वे नियमों का सही तरीके से पालन करें, छूट का दुरुपयोग न करें और टोल प्लाजा पर अनावश्यक विवाद से बचें।
Disclaimer: यह लेख भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय, 2025 की नई टोल नीति, और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। टोल टैक्स छूट पूरी तरह असली और सरकारी नियमों पर आधारित है, लेकिन छूट सिर्फ सरकारी कार्य या ड्यूटी के दौरान ही मान्य है।
वार्षिक पास, डिजिटल टोलिंग और अन्य सुविधाओं के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी नई जानकारी के लिए आधिकारिक अधिसूचना या टोल प्लाजा पर लगे बोर्ड को जरूर देखें।