PM Vishwakarma Yojana 2025: सिर्फ 2 डॉक्युमेंट में ₹15000 की मदद, घर बैठे मौका

पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक दस्तकारों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। इन्हीं में से पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 एक अहम पहल है, जिसका उद्देश्य है कि पारंपरिक पेशों को अपनाने वाले लोगों को आर्थिक व तकनीकी सहायता मिल सके।

देश के लाखों कारीगर जो अपने हुनर से समाज का निर्माण करते हैं, उनके हित में यह योजना बहुत कारगर साबित हो रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार पारंपरिक व्यवसाय करने वाले लोगों की सहायता करना चाहती है।

इसमें बढ़े हुए प्रशिक्षण, टूलकिट, आसान लोन व मार्केटिंग सहायता जैसे अनेक लाभ शामिल किए गए हैं। हाल ही में “पीएम विश्वकर्मा योजना 15,000 रुपए” के लिए आवेदन और फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिससे ज़रूरतमंद कारीगरों और दस्तकारों को उचित संसाधन आसानी से मिल सकें।

PM Vishwakarma Yojana 2025

यह भारत सरकार द्वारा 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई एक केंद्रीय योजना है, जिसका संचालन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) करता है।

इस योजना का उद्देश्य देश के 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों और शिल्पकारों जैसे बढ़ई, लोहार, सुनार, कुम्हार, नाई, दर्जी, जुलाहा, धोबी, माला बनाने वाले, टोकरी/चटाई निर्माता आदि को मुख्यधारा से जोड़ना है।

सरकार ने इस योजना के लिए लगभग 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए का बजट पाँच वर्षों के लिए निर्धारित किया है। योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराने वाले लाभार्थियों को प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड दिया जाता है, जो सरकारी पहचान के तौर पर काम आता है।

योजना के महत्वपूर्ण लाभ

सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई प्रकार की सुविधाएं देने की घोषणा की है। मुख्य फायदा यह है कि पात्र कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपए तक की सहायता ई-वाउचर के रूप में दी जा रही है।

इसका मकसद है उन्हें आधुनिक औजार उपलब्ध कराना, जिससे वे अपने काम को और बेहतर तरीके से कर सकें। इसके अलावा, योजना में दो चरणों में कुल 3 लाख रुपए तक का लोन बिना किसी गारंटी के सिर्फ 5% ब्याज पर दिया जाता है।

पहले चरण में एक लाख रुपए तक तथा दूसरे चरण में दो लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध है। लोन समय पर चुकाने वालों को आगे और भी सुविधाएं मिलती हैं। हर लाभार्थी को 40 घंटे की बेसिक ट्रेनिंग और 120 घंटे की एडवांस ट्रेनिंग का भी मौका मिलता है।

प्रशिक्षण के समय हर दिन 500 रुपए की छात्रवृत्ति भी दी जाती है। सरकारी प्रमाणपत्र, मार्केटिंग, डिजिटल लेन-देन करने पर हर ट्रांजेक्शन पर 1 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि, और उत्पादों की ब्रांडिंग व बिक्री में सहायता भी योजना का हिस्सा है।

कौन आवेदन कर सकता है?

इस योजना का लाभ भारत के नागरिक, पारंपरिक कार्य या शिल्प से जुड़े कारीगर, जो 18 ट्रेड्स सूची में आते हैं ले सकते हैं। आवेदक की उम्र कम-से-कम 18 वर्ष होनी चाहिए और वह भारत का नागरिक होना चाहिए।

सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार सदस्य योजना के लिए पात्र नहीं हैं। एक परिवार से एक ही सदस्य को लाभ मिलेगा।

किन दस्तावेजों की जरूरत है?

  • आधार कार्ड,
  • बैंक अकाउंट पासबुक,
  • जाति प्रमाण पत्र (यदि मांगा जाए),
  • पासपोर्ट साइज फोटो,
  • निवास प्रमाण पत्र।

आवेदन कैसे करें?

  1. सबसे पहले योजना की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं।
  2. “Applicant/Beneficiary Login” पर क्लिक करें।
  3. मोबाइल नंबर और आधार संख्या से वेरीफिकेशन करें।
  4. सभी आवश्यक जानकारियां और दस्तावेज भरें व अपलोड करें।
  5. आवेदन सबमिट करें। चाहें तो नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का भी सहारा ले सकते हैं।

योजना से जुड़ी कुछ अहम बातें

ये योजना सिर्फ कारीगरों, शिल्पकारों की आर्थिक और तकनीकी मजबूती के लिए नहीं, बल्कि उनकी पारंपरिक ज्ञान, हुनर और रोजगार की सुरक्षा के रूप में भी देखी जा रही है। इससे उन्हें आधुनिक युग के साथ खुद को अपडेट करने का मौका मिलता है।

साथ ही देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोग भी इससे लाभान्वित हो सकते हैं। लाभार्थियों को मार्केटिंग में भी सहायता मिलती है, जिससे वे अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचा सकते हैं। सरकार द्वारा डिजिटल लेन-देन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 हाथ से काम करने वाले कारीगरों को नई पहचान, आधुनिक औजार और आर्थिक सुरक्षा का बड़ा अवसर देती है।

15,000 रुपए की टूलकिट सहायता हो या सस्ते लोन की व्यवस्था, इस योजना ने लाखों कारीगरों की जिंदगी बदलने का रास्ता खोल दिया है। अगर आप भी पात्र हैं तो जल्दी से आवेदन करें और अपने भविष्य को मजबूत बनाएं।

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