पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है, लेकिन जब ये कीमतें कम होती हैं तो आम जनता को बड़ी राहत मिलती है। 10 मई 2025 से देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी आई है, जिससे वाहन चालकों और आम लोगों के बजट पर सकारात्मक असर पड़ा है।
वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और सरकार द्वारा लगाए गए करों में संशोधन के कारण यह बदलाव संभव हुआ है। इस लेख में हम आपको 10 मई से लागू होने वाली नई पेट्रोल-डीजल की कीमतों, उनके पीछे के कारणों और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
भारत में तेल की कीमतें रोजाना बदलती रहती हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत, मुद्रा विनिमय दर, और सरकार द्वारा लगाए गए करों पर निर्भर करती हैं। हाल ही में, वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जिससे घरेलू स्तर पर ईंधन की कीमतों में कमी संभव हुई है।
इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकारों ने भी करों में कुछ राहत दी है, जिससे पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम हुई हैं। आइए, अब विस्तार से जानते हैं इस बदलाव के बारे में।
Petrol-Diesel Price Cut from 10th May 2025: Overview
नीचे दी गई तालिका में 10 मई 2025 से लागू पेट्रोल और डीजल की नई कीमतों का सारांश दिया गया है, जो भारत के प्रमुख शहरों में लागू हैं।
शहर (City) | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
नई दिल्ली (Delhi) | 94.77 | 87.67 |
मुंबई (Mumbai) | 103.50 | 90.03 |
कोलकाता (Kolkata) | 105.01 | 91.82 |
चेन्नई (Chennai) | 100.90 | 92.49 |
हैदराबाद (Hyderabad) | 107.46 | 95.70 |
बेंगलुरु (Bengaluru) | 102.92 | 89.02 |
जयपुर (Jaipur) | 104.72 | 90.21 |
लखनऊ (Lucknow) | 94.69 | 87.80 |
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के मुख्य कारण
- वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें अप्रैल 2025 में लगभग 15.6% तक गिर गईं, जो 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। इससे भारत में ईंधन की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- सरकारी करों में राहत: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती की है, जिससे कीमतों में कमी आई है। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारों ने भी वैट (VAT) में कमी की है।
- मुद्रा विनिमय दर में स्थिरता: रुपये की अमेरिकी डॉलर के मुकाबले विनिमय दर में स्थिरता बनी हुई है, जिससे ईंधन की कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी नहीं हुई है।
- मांग और आपूर्ति का संतुलन: वैश्विक बाजार में मांग में कमी और उत्पादन में वृद्धि के कारण कच्चे तेल की कीमतें कम हुई हैं।
पेट्रोल-डीजल की नई कीमतों का प्रभाव
- वाहन चालकों को ईंधन पर खर्च कम होगा।
- परिवहन लागत घटने से वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में स्थिरता आ सकती है।
- आम जनता की जेब पर सकारात्मक असर पड़ेगा, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना यात्रा करते हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं? (How Petrol-Diesel Prices are Determined)
पेट्रोल और डीजल की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: भारत लगभग 80% तेल की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है। इसलिए, वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें सीधे भारत की ईंधन कीमतों को प्रभावित करती हैं।
- सरकारी कर और टैक्स: केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क (Excise Duty) लगाती है जबकि राज्य सरकारें वैट (VAT) लगाती हैं। ये कर कुल कीमत का लगभग 50-54% हिस्सा हो सकते हैं।
- मुद्रा विनिमय दर: कच्चे तेल का भुगतान डॉलर में होता है। यदि रुपये की तुलना में डॉलर मजबूत होता है, तो तेल महंगा हो जाता है।
- मांग और आपूर्ति: त्योहारों, आर्थिक गतिविधियों और मौसमी बदलावों के कारण मांग बढ़ने या घटने से कीमतें प्रभावित होती हैं।
- परिवहन और वितरण लागत: तेल को रिफाइनरी से पंप तक पहुंचाने की लागत भी कीमतों में जुड़ती है।
पेट्रोल-डीजल की नई रेट लिस्ट (Price List as of 10 May 2025)
राज्य/शहर (State/City) | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
दिल्ली (Delhi) | 94.77 | 87.67 |
मुंबई (Mumbai) | 103.50 | 90.03 |
कोलकाता (Kolkata) | 105.01 | 91.82 |
चेन्नई (Chennai) | 100.90 | 92.49 |
हैदराबाद (Hyderabad) | 107.46 | 95.70 |
बेंगलुरु (Bengaluru) | 102.92 | 89.02 |
जयपुर (Jaipur) | 104.72 | 90.21 |
लखनऊ (Lucknow) | 94.69 | 87.80 |
पुणे (Pune) | 104.04 | 90.57 |
अहमदाबाद (Ahmedabad) | 94.49 | 90.17 |
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- दैनिक मूल्य निर्धारण (Daily Price Revision): भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें रोजाना सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। यह प्रक्रिया ‘डायनामिक प्राइसिंग’ कहलाती है, जो वैश्विक बाजार की स्थिति के अनुसार कीमतों को ताजा करती है।
- सरकार की भूमिका: केंद्र सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती की है, जिससे कीमतों में स्थिरता आई है। कई राज्यों ने भी वैट में कमी की है।
- वैश्विक आर्थिक स्थिति: वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंका और तेल उत्पादन में वृद्धि के कारण तेल की कीमतें नीचे आई हैं।
- मौसमी प्रभाव: त्योहारों और गर्मियों में मांग बढ़ने से कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन फिलहाल कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव के फायदे और नुकसान
फायदे
- आम जनता को आर्थिक राहत मिलती है।
- परिवहन और लॉजिस्टिक्स की लागत कम होती है।
- वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में स्थिरता आती है।
- आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
नुकसान
- सरकार की टैक्स राजस्व में कमी हो सकती है।
- तेल कंपनियों की मुनाफाखोरी की संभावना बढ़ सकती है।
- कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव से बाजार में अस्थिरता आ सकती है।
भविष्य में पेट्रोल-डीजल की कीमतों का क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहीं और मुद्रा विनिमय दर में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रह सकती हैं या धीरे-धीरे कम हो सकती हैं। हालांकि, वैश्विक राजनीतिक घटनाक्रम, आर्थिक नीतियां, और प्राकृतिक आपदाएं कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, आम जनता को कीमतों में बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
Disclaimer: यह लेख पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हालिया बदलाव और उससे जुड़ी जानकारी पर आधारित है। भारत सरकार और संबंधित तेल कंपनियों की आधिकारिक घोषणाओं के अनुसार ही कीमतें लागू होती हैं। बाजार की परिस्थितियां और सरकारी नीतियां समय-समय पर बदलती रहती हैं, इसलिए इस जानकारी को अपडेटेड रखने की आवश्यकता होती है। इस लेख में दी गई जानकारी वास्तविक और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित है, लेकिन कीमतों में भविष्य में बदलाव संभव है।
इसलिए, पेट्रोल-डीजल की कीमतों के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों की पुष्टि करें और किसी भी अफवाह या गलत सूचना से बचें। यह रियायत सरकार द्वारा दी गई है और यह पूरी तरह से वास्तविक है, नकली या धोखाधड़ी नहीं।
इस लेख से आपको 10 मई 2025 से लागू पेट्रोल-डीजल की नई कीमतों और उनके पीछे के कारणों की पूरी जानकारी मिली होगी। इससे आपको अपने बजट और यात्रा योजनाओं को बेहतर तरीके से समायोजित करने में मदद मिलेगी।