भारत में हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी रेपो रेट में 25 आधार अंक (0.25%) की कटौती की है। इस कदम का सीधा असर बैंकों की ब्याज दरों पर पड़ा है। देश के प्रमुख सरकारी बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक ने अपनी लोन ब्याज दरों में कमी की घोषणा की है।
इससे होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन आदि अब पहले से सस्ते मिलेंगे। इस बदलाव से आम लोगों के लिए लोन लेना आसान और किफायती हो जाएगा। ब्याज दरों में यह कटौती ऐसे समय में आई है जब आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए RBI ने मौद्रिक नीति में नरमी लाई है। इससे महंगाई पर नियंत्रण के साथ-साथ निवेश और खर्च को प्रोत्साहन मिलेगा।
बैंक भी अब अपने ग्राहकों को बेहतर ऑफर दे रहे हैं, जिससे लोन की ईएमआई कम हो जाएगी और लोगों का वित्तीय बोझ घटेगा। हालांकि, एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती भी हुई है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
Low Loans Interest Rates 2025
भारतीय रिजर्व बैंक की रेपो रेट कटौती के बाद कई बड़े सरकारी बैंकों ने अपने लोन ब्याज दरों में कमी की है। SBI ने अपनी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को 8.50% से घटाकर 8.25% कर दिया है, वहीं एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) को 8.90% से घटाकर 8.65% किया गया है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी अपनी RLLR को 8.90% से घटाकर 8.65% कर दिया है। बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक ने भी इसी तरह की कटौती की है।
यह कटौती होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन आदि पर लागू होगी, जिससे ग्राहकों की EMI कम हो जाएगी। इससे पहले अप्रैल 2025 में HDFC बैंक ने भी अपनी लेंडिंग रेट में कमी की थी। इस बार की कटौती लगातार दूसरी बार हुई है, जो आर्थिक स्थिति में सुधार और निवेश को बढ़ावा देने के प्रयासों का हिस्सा है।
सारांश
बैंक का नाम | रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) | एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट (EBLR) | कटौती की गई दर (%) | कटौती की तारीख |
---|---|---|---|---|
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) | 8.25% | 8.65% | 0.25% | 15 अप्रैल 2025 |
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) | 8.65% | – | 0.25% | 10 अप्रैल 2025 |
बैंक ऑफ इंडिया (BOI) | 8.00% से 10.60% के बीच | – | 0.25% | अप्रैल 2025 |
बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) | – | – | 0.25% | अप्रैल 2025 |
इंडियन बैंक | – | – | 0.25% | अप्रैल 2025 |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | – | – | 0.25% | अप्रैल 2025 |
लोन पर ब्याज दरों में कटौती के फायदे
- कम EMI: ब्याज दरों में कमी से लोन की मासिक किस्त (EMI) कम हो जाएगी, जिससे कर्जदारों का वित्तीय दबाव घटेगा।
- लोन लेना आसान: कम ब्याज दरों के कारण ज्यादा लोग लोन लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
- आर्थिक विकास में मदद: सस्ते लोन से व्यापार और व्यक्तिगत खर्च बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
- होम लोन पर विशेष लाभ: घर खरीदने वालों के लिए यह एक बड़ा फायदा है क्योंकि होम लोन की लागत कम हो जाएगी।
FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर ब्याज दरों में कटौती
बैंक ने लोन पर ब्याज दरें घटाई हैं, लेकिन FD पर ब्याज दरों में कटौती भी हुई है। उदाहरण के लिए, पंजाब नेशनल बैंक ने 300 दिनों की FD की ब्याज दर 7.05% से घटाकर 6.50% कर दी है। इसी तरह 2 से 3 साल की FD पर ब्याज दर 7% से 6.75% कर दी गई है। यह कटौती RBI की रेपो रेट कटौती का परिणाम है।
FD ब्याज दरों में कटौती का सारांश
FD अवधि | पहले की ब्याज दर (%) | नई ब्याज दर (%) |
---|---|---|
300 दिन | 7.05 | 6.50 |
303 दिन | 7.00 | 6.40 |
2 से 3 साल | 7.00 | 6.75 |
1204 दिन | 6.40 | 6.15 |
1205 दिन से 5 साल तक | 6.50 | 6.25 |
5 साल से ज्यादा (1894 दिन) | 6.50 | 6.00 |
ब्याज दरों में कटौती क्यों हुई?
- RBI ने रेपो रेट में कटौती की है, जिससे बैंकों के लिए फंडिंग लागत कम हो गई है।
- बैंक अपनी लागत के अनुसार लेंडिंग रेट और FD रेट को समायोजित करते हैं।
- महंगाई नियंत्रण में है और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में नरमी लाई गई है।
निष्कर्ष
RBI की रेपो रेट कटौती के बाद SBI, PNB और अन्य प्रमुख सरकारी बैंकों ने अपने लोन ब्याज दरों में कमी की है, जिससे लोन लेना सस्ता और आसान हो गया है। हालांकि, FD पर मिलने वाले ब्याज दरों में भी कटौती हुई है, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। कुल मिलाकर, यह कदम आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और आम जनता को राहत देने के लिए उठाया गया है।
डिस्क्लेमर
यह जानकारी अप्रैल 2025 के RBI के रेपो रेट कटौती और उसके बाद बैंकों द्वारा ब्याज दरों में बदलाव पर आधारित है। ब्याज दरें बैंक और लोन के प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकती हैं। ब्याज दरों में कटौती का प्रभाव ग्राहकों की क्रेडिट प्रोफाइल, लोन राशि और अवधि पर निर्भर करता है।
इसलिए लोन लेने से पहले संबंधित बैंक से पूरी जानकारी लेना आवश्यक है। इस लेख में दी गई जानकारी समय के साथ बदल भी सकती है। यह लेख सरल भाषा में तैयार किया गया है ताकि आम पाठक आसानी से समझ सकें कि SBI, PNB और अन्य बैंकों ने ब्याज दरों में कैसे कटौती की है और इसका उनके लिए क्या मतलब है।