हरियाणा में शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2025-27 के लिए नई आबकारी नीति (New Excise Policy) को मंजूरी दे दी है, जिससे देसी शराब से लेकर बीयर और अंग्रेजी शराब तक के दामों में भारी बढ़ोतरी होने जा रही है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया, जिसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। नई नीति के तहत न केवल शराब महंगी होगी, बल्कि कई गांवों में शराब के ठेके भी बंद कर दिए जाएंगे और हाईवे पर अब कोई भी शराब की दुकान नहीं खुलेगी।
इस नीति का मकसद राज्य के राजस्व को बढ़ाना, शराब की उपलब्धता को नियंत्रित करना और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 14,064 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 10.7% ज्यादा है।
नई नीति 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 तक लागू रहेगी, जिसके बाद हर साल की आबकारी नीति अप्रैल से मार्च वित्त वर्ष के अनुसार संचालित होगी।
आइए विस्तार से जानते हैं, हरियाणा की नई आबकारी नीति में क्या-क्या बदलाव हुए हैं, किस तरह से शराब महंगी हुई है, और इसका आम लोगों, शराब कारोबारियों और समाज पर क्या असर पड़ेगा।
Haryana New Excise Policy
पॉइंट/फीचर | विवरण/डेटा |
नीति लागू होने की तिथि | 12 जून 2025 से 31 मार्च 2027 |
शराब के दाम में बढ़ोतरी | देसी शराब 15 रु. तक, अंग्रेजी शराब 50 रु. तक, बीयर 44% तक |
बीयर की नई कीमतें | 650ml बीयर 90→130 रु., 110→150 रु., स्ट्रॉन्ग 130→160 रु. |
देसी शराब की नई कीमत | 175→190 रु. प्रति बोतल |
अंग्रेजी शराब की नई कीमत | प्रीमियम 1850→1900, डीलक्स 500→540 रु. |
ठेकों पर नई पाबंदियां | 500 से कम आबादी वाले गांवों में ठेके नहीं |
हाईवे पर ठेका | नेशनल/स्टेट हाईवे पर ठेका नहीं खुलेगा |
लाइसेंस फीस | 501-1000 आबादी: 3 लाख, 1000-10000: 6 लाख, 10000+: 9 लाख |
शराब के विज्ञापन | सभी तरह के विज्ञापन पूरी तरह प्रतिबंधित |
राजस्व लक्ष्य | 2025-26 के लिए 14,064 करोड़ रुपये |
नीति की अवधि | 21.5 महीने (12 जून 2025 से 31 मार्च 2027) |
बंद होने वाले ठेके | 152 उप-विक्रय केंद्र (500 से कम आबादी वाले गांवों में) |
बीयर के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
- बीयर की कीमतों में 44% तक की बढ़ोतरी की गई है।
- 650ml बीयर, जो पहले 90 रुपये में मिलती थी, अब 130 रुपये में बिकेगी।
- माइल्ड बीयर की बोतल 110 से बढ़कर 150 रुपये हो गई है।
- स्ट्रॉन्ग बीयर की बोतल 130 से बढ़कर 160 रुपये हो गई है।
देसी शराब की कीमतें
- देसी शराब की बोतल पहले 175 रुपये में मिलती थी, अब 190 रुपये में मिलेगी।
- यानी प्रति बोतल 15 रुपये तक की सीधी बढ़ोतरी।
अंग्रेजी शराब की नई रेट लिस्ट
वर्ग | पुराना रेट (रु.) | नया रेट (रु.) | बढ़ोतरी (%) |
सुपर प्रीमियम | 3100 | 3150 | 1.6 |
प्रीमियम-ए | 1850 | 1900 | 2.7-5 |
प्रीमियम-2 | 1550 | 1600 | 3.2-6 |
सुपर डीलक्स | 875 | 920 | 5.1-9.1 |
डीलक्स-1 | 725 | 770 | 6.2-14 |
डीलक्स-2 | 675 | 720 | 6.7-11.1 |
डीलक्स-3 | 500 | 540 | 8-20 |
नई आबकारी नीति के अहम बदलाव
- 500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब के ठेके नहीं खुलेंगे। इससे 152 ठेके बंद हो जाएंगे।
- नेशनल और स्टेट हाईवे पर शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी। ठेका हाईवे से कम से कम 500 मीटर दूर होना जरूरी।
- शराब के सभी विज्ञापन प्रतिबंधित। उल्लंघन पर 1-3 लाख रुपये तक जुर्माना और लाइसेंस रद्द हो सकता है।
- अहातों की फीस में बढ़ोतरी और संचालन के लिए सख्त दिशा-निर्देश।
- टैवर्न (L-52) अब सिर्फ बंद परिसरों में ही चलेंगे और राहगीरों को दिखाई नहीं देंगे।
- लाइव सिंगिंग, डांसिंग, नाटकीय प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध।
- शहरी क्षेत्रों में शराब की दुकानें सुबह 4 बजे के बाद नहीं खुल सकेंगी। पहले यह सीमा 8 बजे तक थी।
- अस्थायी लाइसेंस (L-12A, L-12A-C) की प्रक्रिया आसान लेकिन शुल्क ज्यादा।
- हर ठेके पर “शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है” और “शराब पीकर वाहन न चलाएं” चेतावनी अनिवार्य।
आबकारी नीति और लाइसेंस फीस का नया ढांचा
आबादी (गांव की) | लाइसेंस फीस (रु.) | ठेकों की संख्या (अधिकतम) |
500 से कम | ठेका नहीं खुलेगा | 0 |
501 से 1,000 | 3 लाख | 1 |
1,001 से 10,000 | 6 लाख | 1 |
10,000 से अधिक | 9 लाख | 2 |
नई नीति से सरकार का राजस्व लक्ष्य
- 2025-26 के लिए 14,064 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
- 2024-25 में 12,700 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ, जो टारगेट से ज्यादा था।
- बढ़े हुए दामों और लाइसेंस फीस से सरकार को अतिरिक्त आमदनी की उम्मीद है।
नई नीति का समाज और बाजार पर असर
आम जनता पर असर
- शराब पीने वालों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे।
- बीयर, देसी और अंग्रेजी शराब सभी महंगी हो गई हैं।
- छोटे गांवों में शराब की उपलब्धता कम होगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में शराब की लत पर नियंत्रण हो सकता है।
शराब कारोबारियों पर असर
- छोटे गांवों में ठेके बंद होने से कारोबार प्रभावित होगा।
- हाईवे पर ठेके बंद होने से बिक्री पर असर पड़ेगा।
- लाइसेंस फीस और नियम सख्त होने से छोटे कारोबारियों पर दबाव बढ़ेगा।
सामाजिक असर
- शराब के विज्ञापन और खुले ठेकों पर सख्ती से समाज में शराब सेवन की प्रवृत्ति में कमी आ सकती है।
- चेतावनी बोर्ड और जागरूकता से सड़क दुर्घटनाओं और अपराधों में कमी आ सकती है।
नई आबकारी नीति के फायदे और नुकसान
फायदे (Pros) | नुकसान (Cons) |
सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा | शराब महंगी होने से आम आदमी पर बोझ |
अवैध बिक्री और ठेकों पर नियंत्रण | छोटे कारोबारियों की आमदनी पर असर |
शराब सेवन पर सामाजिक नियंत्रण | ग्रामीण इलाकों में अवैध बिक्री की संभावना |
सड़क हादसों में कमी की उम्मीद | बीयर और शराब के शौकीनों को झटका |
पारदर्शिता और नियमों का पालन | ठेकों की संख्या में कमी |
शराब पीने वालों के लिए जरूरी टिप्स
- शराब की नई कीमतों की जानकारी रखें।
- लाइसेंसी ठेकों से ही शराब खरीदें।
- शराब पीकर वाहन न चलाएं।
- शराब सेवन की आदत पर नियंत्रण रखें, क्योंकि अब यह और महंगी हो गई है।
- छोटे गांवों में ठेके बंद होने से अवैध शराब से बचें।
- स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियों को गंभीरता से लें।
निष्कर्ष
हरियाणा में लागू होने वाली नई आबकारी नीति 2025-27 के तहत देसी शराब, अंग्रेजी शराब और बीयर सभी महंगी हो गई हैं। सरकार ने शराब के दामों में 10% से 44% तक की बढ़ोतरी की है, जिससे शराब पीने वालों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।
साथ ही, छोटे गांवों और हाईवे पर ठेके बंद करने, लाइसेंस फीस बढ़ाने, विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने जैसे कई सख्त नियम लागू किए गए हैं। सरकार का मकसद राजस्व बढ़ाना, समाज में शराब सेवन पर नियंत्रण और अवैध कारोबार पर रोक लगाना है।
आम उपभोक्ताओं को नई नीति के नियमों और बढ़ी हुई कीमतों की जानकारी रखना जरूरी है, ताकि वे किसी भी परेशानी से बच सकें।
Disclaimer: यह लेख हरियाणा सरकार द्वारा घोषित नई आबकारी नीति 2025-27 की आधिकारिक जानकारियों पर आधारित है। शराब के दामों में बढ़ोतरी और नए नियम पूरी तरह वास्तविक हैं और 12 जून 2025 से लागू होंगे। कृपया शराब का सेवन जिम्मेदारी से करें और सरकारी नियमों का पालन करें। शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।