भारत में सीनियर सिटीजन के लिए पेंशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी सरकारी या प्राइवेट नौकरी में बिताई है।
Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) के तहत चलने वाली Employees’ Pension Scheme (EPS) का मकसद रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को एक स्थायी और निश्चित आमदनी देना है।
वर्तमान में EPS के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है, लेकिन महंगाई और जीवन-यापन की लागत में भारी इजाफे के चलते यह राशि अब काफी कम पड़ रही है।
पिछले कई सालों से EPS-95 पेंशनर्स और ट्रेड यूनियन लगातार सरकार से EPS पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि 1,000 रुपये में आज के समय में बुजुर्गों का गुजारा करना बेहद मुश्किल है।
इसी वजह से अब EPS पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह तक बढ़ाने की मांग जोर पकड़ रही है। संसद की स्थायी समिति और कई अन्य संस्थाएं भी इस मांग का समर्थन कर रही हैं और सरकार से जल्द से जल्द इस पर फैसला लेने की अपील कर रही हैं।
EPS Pension Hike
बिंदु | विवरण |
स्कीम का नाम | Employees’ Pension Scheme (EPS-95) |
वर्तमान न्यूनतम पेंशन | 1,000 रुपये प्रति माह |
प्रस्तावित न्यूनतम पेंशन | 7,500 रुपये प्रति माह (मांग की जा रही है) |
EPS की शुरुआत | 1995 |
योगदान की शर्तें | कम से कम 10 साल तक EPS में योगदान अनिवार्य |
पात्रता आयु | 58 वर्ष (सुपरएन्युएशन), 50-58 (अर्ली पेंशन) |
योगदान प्रतिशत | नियोक्ता का 8.33% बेसिक वेतन EPS में, 1.16% केंद्र सरकार द्वारा |
वर्तमान लाभार्थी | लगभग 36.60 लाख पेंशनर्स |
पेंशन बढ़ोतरी की स्थिति | संसद में चर्चा जारी, तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू |
अतिरिक्त मांगें | DA (महंगाई भत्ता), मुफ्त मेडिकल सुविधा, पेंशन राशि में समय-समय पर संशोधन |
EPS Pension Hike क्यों जरूरी है?
- मंहगाई में जबरदस्त बढ़ोतरी: 2014 से 2024 के बीच जीवन-यापन की लागत कई गुना बढ़ गई है, जबकि पेंशन राशि वही की वही है।
- बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा: रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को नियमित आमदनी की जरूरत होती है, जिससे वे अपनी दवाइयों, इलाज और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें।
- सामाजिक सम्मान: पर्याप्त पेंशन राशि से बुजुर्गों को आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन मिलता है।
- सरकारी समिति की सिफारिश: संसद की स्थायी समिति ने भी EPS पेंशन में तत्काल बढ़ोतरी की सिफारिश की है और 2025 के अंत तक थर्ड पार्टी मूल्यांकन पूरा करने को कहा है।
EPS Pension Hike की मांग और वर्तमान स्थिति
- पेंशनर्स और ट्रेड यूनियन की मांग: EPS-95 पेंशनर्स और ट्रेड यूनियन लगातार सरकार से EPS पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, महंगाई भत्ता (DA) और मुफ्त मेडिकल सुविधा की भी मांग की जा रही है।
- सरकारी प्रक्रिया: श्रम मंत्रालय ने 2020 में EPS की न्यूनतम पेंशन को 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था, लेकिन मंजूरी नहीं मिली। 2024-25 के बजट से पहले भी यह मुद्दा चर्चा में रहा है।
- संसदीय समिति की भूमिका: संसद की स्थायी समिति ने श्रम मंत्रालय से EPS का थर्ड पार्टी मूल्यांकन 2025 के अंत तक पूरा करने को कहा है, ताकि पेंशन बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला लिया जा सके।
- फाइनेंस मिनिस्टर से मुलाकात: EPS-95 पेंशनर्स के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर पेंशन बढ़ाने की मांग रखी, जिस पर उन्हें आश्वासन मिला कि सरकार इस पर विचार करेगी।
EPS Pension Hike के फायदे
- बुजुर्गों को आर्थिक राहत
- स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कम
- रिटायरमेंट के बाद सम्मानजनक जीवन
- मंहगाई से मुकाबला करने में मदद
- देश की सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूती
EPS Pension Hike: EPFO पेंशन में सुधार की प्रक्रिया
- तीसरे पक्ष द्वारा मूल्यांकन: पहली बार EPS स्कीम का थर्ड पार्टी (बाहरी विशेषज्ञों द्वारा) मूल्यांकन किया जा रहा है, जिससे स्कीम की कमियों और जरूरतों का पता चलेगा।
- संसदीय समिति की सिफारिश: समिति ने श्रम मंत्रालय से कहा है कि EPS पेंशन में बढ़ोतरी पर तुरंत काम शुरू किया जाए और 2025 के अंत तक प्रक्रिया पूरी की जाए।
- सरकार का रुख: सरकार ने फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन पेंशनर्स की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
- आगामी बैठकें: EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में भी यह मुद्दा उठ सकता है, जिसमें पेंशन बढ़ोतरी पर चर्चा संभव है।
EPFO पेंशन में सुधार के लिए प्रमुख मांगें
- न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह की जाए
- पेंशन में DA (महंगाई भत्ता) जोड़ा जाए
- पेंशनर्स और उनके जीवनसाथी के लिए मुफ्त मेडिकल सुविधा
- पेंशन राशि में समय-समय पर संशोधन
- EPS स्कीम का नियमित मूल्यांकन
EPFO पेंशन में सुधार से जुड़े विवाद और चुनौतियां
- सरकारी बजट पर दबाव: पेंशन राशि बढ़ाने से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।
- सभी हितधारकों की सहमति जरूरी: कुछ ट्रेड यूनियन 5,000 रुपये तक बढ़ोतरी की मांग कर रही हैं, जबकि पेंशनर्स 7,500 रुपये पर अड़े हैं।
- वर्तमान योगदान प्रणाली में बदलाव की जरूरत: पेंशनर्स का कहना है कि EPS में योगदान के मौजूदा सिस्टम को भी सुधारने की जरूरत है।
- पेंशनर्स की संख्या में लगातार बढ़ोतरी: हर साल नए रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ रही है, जिससे पेंशन फंड पर दबाव बढ़ता है।
EPFO पेंशन में सुधार का भविष्य
- अगर संसद की समिति की सिफारिशें मान ली जाती हैं और सरकार पेंशन बढ़ोतरी को मंजूरी देती है, तो EPS पेंशनर्स के लिए यह ऐतिहासिक फैसला होगा।
- इससे देश के बुजुर्गों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे।
- EPFO की अगली बोर्ड मीटिंग और 2025 के बजट में इस पर बड़ा फैसला आ सकता ह।
निष्कर्ष
EPS Pension Hike यानी EPFO पेंशन में सुधार की मांग देशभर के लाखों पेंशनर्स के लिए राहत की उम्मीद है। लगातार बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत के चलते EPS पेंशनर्स को 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन में गुजारा करना बेहद मुश्किल हो गया है।
संसद की स्थायी समिति, ट्रेड यूनियन और पेंशनर्स की संस्थाएं लगातार EPS पेंशन को 7,500 रुपये करने की मांग कर रही हैं।
सरकार ने फिलहाल कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन थर्ड पार्टी मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है और उम्मीद है कि 2025 के अंत तक इस पर कोई बड़ा फैसला आ सकता है। अगर सरकार EPS पेंशन बढ़ोतरी को मंजूरी देती है, तो यह सीनियर सिटीजन के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा।
Disclaimer: यह आर्टिकल जानकारी के लिए है। EPS Pension Hike यानी EPFO पेंशन में 7,500 रुपये तक बढ़ोतरी की फिलहाल सिर्फ मांग और सिफारिशें चल रही हैं। अभी तक सरकार ने कोई अंतिम फैसला या आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
पेंशनर्स को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी अपडेट के लिए EPFO या सरकारी अधिसूचनाओं पर नजर रखें। वास्तविकता यह है कि EPS पेंशन में 7,500 रुपये तक बढ़ोतरी की प्रक्रिया विचाराधीन है और 2025 के अंत तक ही कोई अंतिम फैसला आ सकता है। अभी के लिए यह खबर “प्रस्तावित” और “अपेक्षित” है, न कि लागू।