B.Ed में एडमिशन लेने से पहले जान लें 4 नए नियम, NCTE ने सभी राज्यों के लिए जारी की New Guidelines 2025

शिक्षक बनने का सपना देखने वाले लाखों युवाओं के लिए B.Ed कोर्स सबसे अहम डिग्री मानी जाती है। भारत में शिक्षकों की गुणवत्ता और स्कूल शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए समय-समय पर B.Ed (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स के नियमों में बदलाव होते रहते हैं।

इसी कड़ी में 2025 में NCTE (National Council for Teacher Education) ने पूरे देश के लिए B.Ed कोर्स में कई बड़े बदलावों और नई गाइडलाइन की घोषणा की है। इन बदलावों का उद्देश्य शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना, कोर्स को व्यावहारिक और आधुनिक बनाना, और फर्जी कॉलेजों/डिग्री पर रोक लगाना है।

NCTE की नई गाइडलाइन के बाद अब B.Ed कोर्स में प्रवेश, कोर्स की अवधि, इंटर्नशिप, ऑनलाइन पढ़ाई, कॉलेज की मान्यता, और एडमिशन लिमिट जैसे कई नियम बदल गए हैं। इन बदलावों से न सिर्फ छात्रों को फायदा होगा, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।

अगर आप भी B.Ed या D.El.Ed में दाखिला लेने की सोच रहे हैं, तो इन नए नियमों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं – B.Ed कोर्स में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए हैं, नई गाइडलाइन क्या कहती है, और इसका असर छात्रों, कॉलेजों और शिक्षा व्यवस्था पर क्या पड़ेगा।

B.Ed Course Rule Change 2025

बिंदुविवरण
गाइडलाइन जारी करने वाली संस्थाNCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन)
लागू वर्ष2025
प्रमुख बदलावड्यूल एनरोलमेंट पर रोक, ऑनलाइन पढ़ाई सीमित, इंटर्नशिप बढ़ी
कोर्स की अवधि2 साल (रेगुलर), 1 साल (NEP के तहत चयनित), 4 साल (ITEP)
कॉलेज की मान्यताकेवल मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज में B.Ed की अनुमति
एडमिशन लिमिटएक कोर्स में 50 छात्रों तक सीमित
ऑनलाइन पढ़ाईकेवल थ्योरी के लिए, प्रैक्टिकल ऑफलाइन अनिवार्य
इंटर्नशिपइंटर्नशिप की अवधि और गुणवत्ता में बड़ा बदलाव
प्रवेश प्रक्रियाNCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) के जरिए
सिलेबसनया सिलेबस, डिजिटल, समावेशी शिक्षा, मूल्य-आधारित शिक्षा
गैर-अनुपालन पर कार्रवाईमान्यता रद्द, कॉलेज बंद करने की कार्रवाई

NCTE की नई गाइडलाइन: B.Ed कोर्स में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए?

1. ड्यूल एनरोलमेंट पर पूरी तरह रोक:

  • अब कोई भी छात्र एक साथ B.Ed और D.El.Ed या अन्य टीचर ट्रेनिंग कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकता।
  • पहले कई छात्र समय बचाने के लिए दोनों कोर्स साथ में करते थे, जिससे गुणवत्ता प्रभावित होती थी।
  • अब एक समय में केवल एक ही शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स में दाखिला लिया जा सकेगा।

2. केवल मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज में B.Ed की अनुमति:

  • अब B.Ed केवल उन्हीं कॉलेजों में चल पाएगा, जहाँ BA, BSc, BCom जैसे अन्य डिग्री कोर्स भी होते हैं।
  • सिंगल B.Ed कॉलेज बंद किए जाएंगे या नजदीकी डिग्री कॉलेज में मर्ज किए जाएंगे।
  • 2030 तक सभी B.Ed कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी बनाना अनिवार्य है।
  • इससे छात्रों को बेहतर अकादमिक माहौल और संसाधन मिलेंगे।

3. एडमिशन लिमिट: एक कोर्स में 50 छात्र:

  • अब किसी भी B.Ed कोर्स में अधिकतम 50 छात्रों को ही एडमिशन दिया जा सकेगा।
  • इससे छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर होगा और पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ेगी।

4. ऑनलाइन पढ़ाई पर सख्त नियम:

  • अब B.Ed और D.El.Ed कोर्स पूरी तरह ऑनलाइन नहीं किए जा सकते।
  • केवल थ्योरी क्लासेज़ ऑनलाइन हो सकती हैं, लेकिन प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप, स्कूल टीचिंग आदि ऑफलाइन अनिवार्य है।
  • इससे छात्रों को असली क्लासरूम अनुभव मिलेगा।

5. इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग बढ़ी:

  • इंटर्नशिप की अवधि बढ़ा दी गई है, अब छात्रों को स्कूल में ज्यादा समय तक पढ़ाने का मौका मिलेगा।
  • इंटर्नशिप के दौरान छात्रों का मूल्यांकन भी लगातार किया जाएगा।
  • इससे शिक्षक बनने से पहले छात्रों को असली स्कूल का अनुभव मिलेगा।

6. कॉलेज की मान्यता और स्ट्रिक्ट एक्शन:

  • NCTE की मान्यता के बिना कोई भी कॉलेज B.Ed कोर्स नहीं चला सकता।
  • नियम न मानने पर कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
  • गैर-अनुपालन करने वाले कॉलेजों पर सख्त कार्रवाई होगी।

7. नया सिलेबस और मूल्यांकन प्रणाली:

  • सिलेबस में डिजिटल एजुकेशन, समावेशी शिक्षा, वैल्यू-बेस्ड एजुकेशन, और आधुनिक टीचिंग मेथड्स जोड़े गए हैं।
  • अब छात्रों का मूल्यांकन केवल फाइनल एग्जाम से नहीं, बल्कि पूरे कोर्स में नियमित असेसमेंट से होगा।

8. प्रवेश प्रक्रिया: NCET के जरिए:

  • अब B.Ed और 4-वर्षीय ITEP (इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम) में एडमिशन के लिए NCET (नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) अनिवार्य है।
  • यह परीक्षा NTA द्वारा आयोजित की जाती है।

B.Ed कोर्स की अवधि और प्रकार

  • 2 साल (रेगुलर B.Ed): स्नातक/पोस्ट ग्रेजुएट के बाद 2 साल का कोर्स, 4 सेमेस्टर में।
  • 1 साल (NEP-2020 के तहत): उच्च क्वालिफाइड उम्मीदवारों के लिए चयनित कॉलेजों में 1 साल का B.Ed कोर्स।
  • 4 साल (ITEP): 12वीं के बाद 4-वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (BA/BSc/BCom+B.Ed), जिसमें दोहरी डिग्री मिलती है।

B.Ed कोर्स में प्रवेश के लिए योग्यता

  • न्यूनतम 50% अंक स्नातक या पोस्ट ग्रेजुएट में (SC/ST को 5% छूट)
  • साइंस, सोशल साइंस, ह्यूमैनिटीज, इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी (55% अंक) वाले छात्र पात्र
  • न्यूनतम आयु सीमा: 21 वर्ष
  • प्रवेश परीक्षा: NCET अनिवार्य

B.Ed कोर्स में नया सिलेबस और मूल्यांकन

  • डिजिटल एजुकेशन: ई-लर्निंग, स्मार्ट क्लास, डिजिटल टूल्स का प्रयोग
  • समावेशी शिक्षा: सभी वर्ग, दिव्यांग और विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए शिक्षण
  • मूल्य आधारित शिक्षा: नैतिक शिक्षा, भारतीय संस्कृति, संविधानिक मूल्य
  • नवीन टीचिंग मेथड्स: प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग, केस स्टडी, ग्रुप डिस्कशन
  • निरंतर मूल्यांकन: पूरे कोर्स में प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, प्रैक्टिकल, इंटर्नशिप के आधार पर मूल्यांकन

4-वर्षीय ITEP

  • 12वीं के बाद 4 साल का ड्यूल मेजर डिग्री प्रोग्राम (BA/BSc/BCom+B.Ed)
  • एडमिशन NCET के जरिए
  • सिलेबस में पेडागॉजी, डिजिटल एजुकेशन, साइकोलॉजी, इंडियन नॉलेज सिस्टम, इनक्लूसिव एजुकेशन आदि
  • कोर्स पूरा करने पर स्कूल टीचर बनने के लिए पूरी पात्रता

नए नियमों का कॉलेजों पर असर

  • 15,000 से ज्यादा B.Ed कॉलेजों को मल्टीडिसिप्लिनरी बनाना अनिवार्य
  • सिंगल B.Ed कॉलेज बंद या मर्ज होंगे
  • गैर-अनुपालन करने वाले कॉलेजों की मान्यता रद्द
  • छोटे कॉलेजों को नजदीकी डिग्री कॉलेज के साथ कोलैबोरेशन का विकल्प

नए नियमों का छात्रों पर असर

  • अब फर्जी या बिना मान्यता वाले कॉलेजों से डिग्री लेने का खतरा नहीं
  • पढ़ाई की गुणवत्ता, इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल अनुभव बेहतर
  • एडमिशन लिमिट से छात्रों को ज्यादा पर्सनल अटेंशन मिलेगा
  • डिजिटल और समावेशी शिक्षा का एक्सपोजर

NCTE की नई गाइडलाइन: कॉलेज और छात्रों के लिए जरूरी बातें

  • एडमिशन से पहले कॉलेज की NCTE मान्यता जरूर चेक करें।
  • कॉलेज मल्टीडिसिप्लिनरी है या नहीं, इसकी पुष्टि करें।
  • फर्जी या बिना मान्यता वाले कॉलेजों से बचें।
  • ऑनलाइन कोर्स में सिर्फ थ्योरी पढ़ाई ही मान्य है।
  • इंटर्नशिप और प्रैक्टिकल की अवधि और गुणवत्ता की जानकारी लें।
  • एडमिशन लिमिट और फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियो जरूर देखें।

निष्कर्ष

NCTE की नई गाइडलाइन 2025 के बाद B.Ed कोर्स में कई बड़े बदलाव हुए हैं, जिनका मकसद शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाना है। अब ड्यूल एनरोलमेंट, फर्जी कॉलेज, ऑनलाइन डिग्री, और बिना प्रैक्टिकल के डिग्री जैसी समस्याओं पर पूरी तरह रोक लग गई है।

मल्टीडिसिप्लिनरी कॉलेज, सीमित एडमिशन, बढ़ी हुई इंटर्नशिप और नया सिलेबस – ये सभी बदलाव भविष्य के शिक्षकों को और ज्यादा सक्षम, व्यावहारिक और डिजिटल बनाएँगे। अगर आप शिक्षक बनना चाहते हैं, तो इन नए नियमों को ध्यान में रखकर ही कोर्स और कॉलेज का चुनाव करें।

Disclaimer: यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। B.Ed कोर्स में बदलाव और NCTE की नई गाइडलाइन से जुड़ी जानकारी विभिन्न सरकारी अधिसूचनाओं, मीडिया रिपोर्ट्स और NCTE की वेबसाइट पर उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है।

अंतिम नियम, प्रवेश प्रक्रिया, और सिलेबस के लिए संबंधित कॉलेज या NCTE की आधिकारिक वेबसाइट से पुष्टि अवश्य करें।

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