LPG Price Hike: सिर्फ 20 दिन में ₹120 महंगा हुआ सिलेंडर, मिडिल क्लास को झटका

आज के समय में घर-घर में एलपीजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल रोजमर्रा की जरूरत बन चुका है। गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लिए रसोई गैस के दाम बढ़ना हमेशा चिंता का कारण होता है।

महंगाई के दौर में दैनिक खर्च और कमाई के बीच संतुलन बनाना वैसे ही मुश्किल है, ऊपर से गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ता है।

हाल ही में एलपीजी सिलेंडर के दामों में फिर से बदलाव देखने को मिले हैं। देश के बड़े शहरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोग इसकी मार झेल रहे हैं। खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार, जिनका बजट पहले से ही सीमित रहता है, उन्हें इस बढ़ोतरी ने परेशान कर दिया है।

पिछले एक साल में गैस के दामों में उतार–चढ़ाव देखने को मिला है, लेकिन मौजूदा समय में सिलेंडर की कीमतें पहले से कहीं ज्यादा बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दाम, अंतरराष्ट्रीय बाजार और टैक्स नीति जैसी वजह से आम उपभोक्ता को राहत नहीं मिल पा रही है।

LPG Price Hike 2025

एलपीजी गैस सिलेंडर की नई दरें कई जगहों पर लागू हो गई हैं। घरेलू इस्तेमाल वाले 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमतें अब दिल्ली में लगभग ₹853, कोलकाता में ₹879, मुंबई में ₹852.50 और चेन्नई में ₹868.50 चल रही हैं।

यह भाव अप्रैल 2025 में ₹50 की बढ़ोतरी के बाद स्थिर रहा है। इसका सीधा असर मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के परिवारों की रसोई पर पड़ता है। व्यवसायिक इस्तेमाल के 19 किलो वाले सिलेंडर के दाम जुलाई 2025 में घटाए गए हैं।

अब दिल्ली में 19 किलो का सिलेंडर ₹1665 में, कोलकाता में ₹1769 में, मुंबई में ₹1616.50 में और चेन्नई में ₹1823.50 में मिलेगा। हालाँकि घरेलू सिलेंडर के दामों में कोई नई राहत नहीं दी गई है, जिससे आम उपभोक्ता को बड़ी निराशा हाथ लगी है।

बीते महीनों में केवल कमर्शियल (व्यावसायिक) सिलेंडर सस्ता हुआ है, जबकि घरेलू सिलेंडर की कीमत यथावत रही। गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को किसी तरह की सब्सिडी या राहत सीधे तौर पर नहीं दी गई।

घरेलू गैस का सबसे अधिक उपयोग इन्हीं परिवारों में होता है, जिनका बजट हर महीने इन बढ़ी हुई कीमतों से गड़बड़ाता है।

क्यों बढ़े गैस सिलेंडर के दाम? सरकार का रुख

गैस कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार, तेल की आपूर्ति और सरकारी टैक्स पॉलिसी पर बहुत ज्यादा निर्भर करती हैं। 2025 के शुरुआती महीनों में कच्चे तेल के दाम बढ़ने और मुद्रा की कमजोरी का असर गैस सिलेंडर पर दिखा।

भारत अपना अधिकतर तेल दूसरे देशों से खरीदता है, इसलिए डॉलर की तेजी से आयात महंगा होता है, जिसका बोझ उपभोक्ता पर डाल दिया जाता है। कुछ महीनों में क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट आई और इस वजह से व्यावसायिक सिलेंडर के दाम कम किए गए, लेकिन घरेलू सिलेंडर के दाम पर कोई छूट नहीं मिली।

केंद्र सरकार की “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना” के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त कनेक्शन और कुछ सिलेंडरों पर सीमित सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन वर्तमान में सब्सिडी राशि बेहद कम हो गई है।

कोविड काल में सरकार ने गैस सिलेंडर में कुछ राहत दी थी, मगर अब अधिकांश उपभोक्ता बिना किसी सब्सिडी के बाजार दर पर सिलेंडर खरीद रहे हैं। मात्र सीमित परिवारों को ही उज्ज्वला योजना के तहत लाभ मिल रहा है। बाकी लोगों को बढ़े दाम ही चुकाने पड़ रहे हैं।

उपभोक्ताओं पर असर और क्या विकल्प हैं

गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा असर उस परिवार पर पड़ता है जिसकी मासिक आय सीमित है। महीना खत्म होने से पहले ही बजट बिगड़ जाता है। रसोई का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, अन्य जरूरतें—सब पर इसकी सीधी मार महसूस होती है।

बढ़ी हुई कीमतों की वजह से कई गरीब परिवार या तो लकड़ी/कोयले जैसी पारंपरिक ईंधन पर लौट रहे हैं या गैस का इस्तेमाल कम कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत और पर्यावरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। दूसरी ओर जो लोग उज्ज्वला योजना के पात्र नहीं हैं, उन्हें कोई राहत नहीं मिलती।

कुछ एनजीओ और राज्य सरकारें जरूरतमंदों को चूल्हा, इंडक्शन कुकर या पारंपरिक विकल्प उपलब्ध कराने पर विचार कर रही हैं। मगर लंबी अवधि के लिए घरेलू एलपीजी की कीमत स्थिर या सस्ती होना ही सबसे बड़ी राहत होगी।

सरकार समय–समय पर समीक्षा कर कीमत घटाने संबंधी फैसले ले सकती है, मगर फिलहाल ऐसी कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है।

सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएँ

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई थी ताकि महिलाएं धुएँ से होने वाली बीमारियों से बच सकें। इस योजना के तहत मुफ़्त गैस कनेक्शन और सिलेंडर सब्सिडी दी जाती थी।

कुछ समय पहले तक उज्ज्वला लाभार्थियों को हर सिलेंडर पर ₹200 तक की सब्सिडी मिल रही थी, पर अब अधिकतर लोगों को बाजार मूल्य ही चुकाना पड़ता है।

हालाँकि उज्ज्वला योजना के नए लाभार्थियों के लिए सरकार कुछ राहत देने की कोशिश कर रही है, लेकिन मिडिल क्लास और गैर-योजना परिवारों के लिए ऐसी कोई विशेष राहत उपलब्ध नहीं है।

निष्कर्ष

एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से गरीब और मिडिल क्लास परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। घरेलू सिलेंडर के दाम जस के तस रहने के कारण रसोई का बजट गड़बड़ाना आम बात हो गई है। सरकार की योजनाओं का लाभ सीमित लोगों को ही मिलता है।

ऐसे में आम उपभोक्ता को राहत की उम्मीद तब तक है, जब तक आगे सरकार कोई सख्त कदम नहीं उठाती या सब्सिडी व्यवस्था फिर प्रभावी नहीं होती। भविष्य में अगर कीमतों में कटौती होती है, तो यह सबके लिए राहतभरी खबर होगी।

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