गेहूं भाव 14 जुलाई 2025: मंडी में पहुंचा ₹2690/क्विंटल, क्या जल्द होगा ₹3000 पार? Gehun Mandi Bhav Today

आज के समय में देशभर के किसानों और व्यापारियों के लिए गेहूं का भाव बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल 2025 में, खासकर जुलाई महीने में, गेहूं के दाम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। कई राज्यों की मंडियों में गेहूं का भाव ₹2690 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। इससे किसान और व्यापारी दोनों ही सोच में हैं कि आगे भाव और बढ़ेंगे या नहीं।

पिछले कुछ महीनों में गेहूं की फसल की आवक अच्छी रही है, लेकिन बाजार में मांग भी ज्यादा है। सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और खुले बाजार के भाव में फर्क भी देखने को मिल रहा है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में भाव ₹3000 प्रति क्विंटल के पार जा सकते हैं।

कई जगहों पर मंडी में गेहूं का भाव MSP से भी ऊपर बिक रहा है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या जल्द ही गेहूं का बाजार भाव ₹3000 पार कर जाएगा। इस लेख में हम जानेंगे ताजा मंडी भाव, सरकार की स्कीम, और आगे के भाव को लेकर क्या संभावना है।

मंडी में गेहूं का ताजा भाव

14 जुलाई 2025 को देश की अलग-अलग मंडियों में गेहूं के भाव में हलचल रही। कई प्रमुख मंडियों में भाव ₹2690 प्रति क्विंटल तक पहुंच गया।

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों में गेहूं का औसत भाव ₹2400 से ₹2700 प्रति क्विंटल के बीच रहा। कुछ मंडियों में, जैसे डिग्रस (महाराष्ट्र) और नंदगांव (नासिक), गेहूं का भाव ₹2690 प्रति क्विंटल तक दर्ज किया गया।

इस साल गेहूं की औसत कीमत लगभग ₹2600 से ₹2700 प्रति क्विंटल रही है। कुछ जगहों पर भाव ₹2800 के करीब भी पहुंचा है।

क्या गेहूं का भाव ₹3000 पार करेगा?

कई किसान और व्यापारी सोच रहे हैं कि क्या गेहूं का भाव जल्द ही ₹3000 पार कर सकता है। इस समय बाजार में मांग ज्यादा है और सरकारी खरीद भी चल रही है।

सरकार ने 2025-26 के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 3.1 करोड़ टन रखा है। इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2425 प्रति क्विंटल है, लेकिन कई मंडियों में भाव इससे ऊपर है। ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत भी गेहूं की बिक्री ₹2550 प्रति क्विंटल की दर से हो रही है, जो MSP से ज्यादा है।

अगर बाजार में मांग ऐसे ही बनी रही, तो आने वाले दिनों में भाव ₹3000 तक जा सकते हैं। लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि अगर फसल की आवक बढ़ गई या सरकार ने भंडारण से ज्यादा गेहूं बाजार में उतार दिया, तो भाव में गिरावट भी आ सकती है।

सरकार की स्कीम और किसानों को फायदा

सरकार हर साल गेहूं के लिए MSP तय करती है, ताकि किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल सके। 2025-26 के लिए गेहूं का MSP ₹2425 प्रति क्विंटल रखा गया है।

इसके अलावा, ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत सरकार बड़े व्यापारियों और मिलर्स को बाजार से कम दाम पर गेहूं उपलब्ध करवाती है। इससे बाजार में गेहूं की उपलब्धता बनी रहती है और दाम काबू में रहते हैं।

सरकारी एजेंसियां, जैसे भारतीय खाद्य निगम (FCI), किसानों से सीधे गेहूं खरीदती हैं। इससे किसानों को समय पर भुगतान मिलता है और उन्हें बाजार की चिंता कम रहती है।

भाव बढ़ने के कारण

  • इस साल गेहूं की मांग ज्यादा है।
  • सरकार की खरीद और खुले बाजार में भाव में फर्क है।
  • कुछ मंडियों में आवक कम होने से दाम बढ़े हैं।
  • ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत भी गेहूं की बिक्री MSP से ऊपर हो रही है।

क्या करें किसान?

अगर आप किसान हैं और अपनी फसल बेचने की सोच रहे हैं, तो मंडी के ताजा भाव जरूर चेक करें। कोशिश करें कि फसल तब बेचें जब भाव ज्यादा हों। सरकारी खरीद केंद्रों पर भी अपनी फसल बेच सकते हैं, जिससे MSP का लाभ मिलेगा।

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  • Kajal Kumari

    Kajal Kumari is an experienced writer with over 7 years of expertise in creating engaging and informative content. With a strong educational background in literature and communication.

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