आज के समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर किसी के लिए एक जरूरी जानकारी बन गई हैं। चाहे आप कार, बाइक या ट्रक चलाते हों, या फिर किसी बिजनेस में जुड़े हों, पेट्रोल-डीजल के रेट का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है। भारत में हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बदलते हैं, जिससे आम आदमी को अपने खर्चे की प्लानिंग करनी पड़ती है।
पिछले कुछ सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इसका कारण सिर्फ इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम नहीं हैं, बल्कि टैक्स, सरकार की नीतियां और सप्लाई-डिमांड भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं। सरकार द्वारा समय-समय पर टैक्स में बदलाव और कुछ खास स्कीम्स लाने से भी इन दामों पर असर पड़ता है।
Petrol & Diesel Rate
12 जुलाई 2025 को भारत के अलग-अलग शहरों में पेट्रोल और डीजल के रेट अलग-अलग हैं। दिल्ली में आज पेट्रोल का दाम करीब ₹94.77 प्रति लीटर है, वहीं मुंबई में ये रेट ₹103.50 प्रति लीटर है। चेन्नई में पेट्रोल ₹100.90 और कोलकाता में ₹105.41 प्रति लीटर है। डीजल की बात करें तो दिल्ली में आज डीजल ₹87.67 प्रति लीटर, मुंबई में ₹89.97, बेंगलुरु में ₹88.94 और हैदराबाद में ₹95.70 प्रति लीटर बिक रहा है।
हर राज्य में टैक्स और डीलर कमीशन अलग-अलग होने की वजह से पेट्रोल-डीजल के दाम में फर्क आता है। कुछ राज्यों में ये रेट ज्यादा हैं, जैसे आंध्र प्रदेश में पेट्रोल का रेट ₹109.71 प्रति लीटर तक पहुंच गया है। वहीं, अंडमान निकोबार जैसे इलाकों में पेट्रोल ₹82.46 प्रति लीटर के करीब है।
पेट्रोल-डीजल के दाम कैसे तय होते हैं?
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज सुबह 6 बजे अपडेट होती हैं। ये दाम इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, डॉलर-रुपया की वैल्यू, एक्साइज ड्यूटी, वैट और डीलर कमीशन को जोड़कर तय किए जाते हैं। तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम हर दिन के हिसाब से रेट तय करती हैं।
अगर इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम बढ़ते हैं, तो भारत में भी पेट्रोल-डीजल महंगे हो जाते हैं। वहीं, अगर सरकार टैक्स कम करती है, तो आम जनता को थोड़ी राहत मिलती है। कई बार चुनाव के वक्त सरकारें टैक्स घटा देती हैं, जिससे दाम कम हो जाते हैं।
सरकार की स्कीम्स और राहत
सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर कई तरह की स्कीम्स शुरू की हैं। सबसे पॉपुलर है ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’, जिसमें गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर एलपीजी गैस कनेक्शन दिया जाता है। हाल ही में सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत सिलेंडर की कीमत में कुछ बढ़ोतरी की है, लेकिन सब्सिडी भी जारी रखी है।
इसके अलावा, सरकार समय-समय पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती या बढ़ोतरी करती है। अप्रैल 2025 में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी, जिससे कीमतों में हल्का इजाफा हुआ। सरकार का कहना है कि इससे तेल कंपनियों को घाटा पूरा करने में मदद मिलेगी और उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम्स को जारी रखा जा सकेगा।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर डालने वाले फैक्टर
पेट्रोल-डीजल के दाम सिर्फ इंटरनेशनल मार्केट पर नहीं, बल्कि देश के अंदरूनी फैक्टर्स पर भी निर्भर करते हैं। जैसे अगर देश में गाड़ियों की बिक्री बढ़ती है, तो पेट्रोल की मांग भी बढ़ती है और दाम ऊपर चले जाते हैं। अगर सप्लाई में कोई दिक्कत आती है, जैसे कि ट्रांसपोर्ट में रुकावट, तो भी दाम बढ़ सकते हैं।
टैक्स भी एक बड़ा फैक्टर है। केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से टैक्स लगाती हैं, जिससे अलग-अलग राज्यों में दाम अलग होते हैं। कई बार सरकारें अपने बजट को बैलेंस करने के लिए टैक्स बढ़ा देती हैं, तो आम जनता को महंगा पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ता है।
पेट्रोल-डीजल के दाम जानने का तरीका
हर कोई अपने शहर का पेट्रोल-डीजल का दाम आसानी से जान सकता है। ज्यादातर तेल कंपनियों की मोबाइल ऐप्स और वेबसाइट्स पर ये जानकारी रोजाना अपडेट होती है। इसके अलावा, पेट्रोल पंप पर भी हर दिन के रेट डिस्प्ले किए जाते हैं।
अगर आप ट्रैवल या बिजनेस के लिए फ्यूल खर्च का हिसाब लगाना चाहते हैं, तो ऑनलाइन फ्यूल कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको पता चल जाएगा कि कितने किलोमीटर चलने पर कितना खर्च आएगा।
निष्कर्ष
आज के समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर किसी की जिंदगी से जुड़ी हुई हैं। सरकार की नीतियां, इंटरनेशनल मार्केट और टैक्स इन दामों को रोज बदलते हैं। आम आदमी को अपने खर्चे की प्लानिंग करने के लिए इन रेट्स की जानकारी रखना जरूरी है। उम्मीद है कि आगे सरकार और कंपनियां मिलकर आम जनता को और राहत देने की कोशिश करेंगी।