New Rental Rights 2025: अब 5 साल बाद भी मकान नहीं होगा खाली, 7 बड़े राइट्स लागू

भारत के शहरों और कस्बों में मकान मालिक और किराएदार के बीच विवाद आम बात है। कई बार किराएदारों को समय पर किराया देने के बावजूद परेशान किया जाता है या अचानक मकान खाली करने का दबाव बनाया जाता है।

वहीं, मकान मालिकों को भी डर रहता है कि कहीं किराएदार लंबे समय तक रहने के बाद मकान पर कब्जा न कर ले।

ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों के लिए स्पष्ट और मजबूत कानून की जरूरत हमेशा महसूस की जाती रही है। पुराने कानूनों में कई कमियां थीं, जिससे विवाद बढ़ जाते थे और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगते थे।

अब सुप्रीम कोर्ट और सरकार ने मिलकर किराएदारों के अधिकारों को लेकर बड़ा फैसला लिया है, जिससे दोनों पक्षों को न्याय मिल सके।

अगर आप किराए पर रहते हैं या मकान किराए पर देना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है। इस लेख में आप जानेंगे नए किराया कानून, कोर्ट के फैसले, किराएदारों के कानूनी अधिकार, मकान मालिक की जिम्मेदारियां और विवाद की स्थिति में समाधान के तरीके।

Property Dispute and Tenant Rights

जानकारीविवरण
नया कानूनRent Control Act 2025, Supreme Court Judgement
लागू तिथि2025
मुख्य अधिकारनिजता, सुविधाएं, सुरक्षा, नोटिस, सिक्योरिटी राशि
रेंट एग्रीमेंटरजिस्टर्ड एग्रीमेंट अनिवार्य
मकान खाली कराने का नियमबिना कारण नहीं, नोटिस जरूरी
सुविधाएंबिजली, पानी, शौचालय, मरम्मत
सिक्योरिटी राशिनुकसान न होने पर पूरी वापसी
परिवार की सुरक्षाकिराएदार की मृत्यु पर परिवार को अधिकार
मकान मालिक का अधिकारसमय पर किराया, तय शर्तों का पालन
जुर्मानाबिना रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट पर भारी जुर्माना

किराएदारों के 5 कानूनी अधिकार

  • निजता का अधिकार: मकान मालिक बिना पूर्व सूचना के किराएदार के घर में प्रवेश नहीं कर सकता। मरम्मत या निरीक्षण के लिए भी पहले नोटिस देना जरूरी है।
  • मकान खाली कराने का नियम: बिना वजह या नोटिस के मकान खाली नहीं कराया जा सकता। सिर्फ कानूनी कारण (जैसे किराया न देना, नुकसान पहुंचाना) पर ही खाली कराया जा सकता है।
  • सुविधाएं देने की बाध्यता: बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं देना मकान मालिक की जिम्मेदारी है। इन सुविधाओं में कमी होने पर किराएदार शिकायत कर सकता है।
  • परिवार को सुरक्षा का अधिकार: किराएदार की मृत्यु के बाद परिवार को तुरंत बाहर नहीं निकाला जा सकता। रेंट एग्रीमेंट के अनुसार परिवार को रहने का अधिकार है।
  • सिक्योरिटी राशि की वापसी: मकान खाली करने के बाद अगर कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो सिक्योरिटी राशि पूरी लौटानी होगी। नुकसान की स्थिति में ही कुछ हिस्सा काटा जा सकता है।

रेंट एग्रीमेंट रजिस्ट्रेशन के नए नियम

  • अब सिर्फ ₹100 के स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट बनाकर काम नहीं चलेगा।
  • हर रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर्ड करवाना अनिवार्य है, चाहे अवधि 11 महीने से ज्यादा हो या कुछ राज्यों में 1 साल से कम।
  • बिना रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट कानूनी रूप से वैध नहीं माना जाएगा।
  • बिना रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: कब मिल सकता है मालिकाना हक?

  • अगर किराएदार 10 साल या उससे अधिक समय तक लगातार रह रहा है, किराया समय पर देता है, रसीद या बैंक रिकॉर्ड है, और मकान मालिक की मौखिक या लिखित सहमति है, तो कुछ मामलों में मालिकाना हक का दावा कर सकता है।
  • सभी कार्य मालिक की जानकारी में और रेंट एग्रीमेंट के तहत होने चाहिए।
  • यह फैसला किराएदारों को अस्थायी मेहमान नहीं, बल्कि कानूनी अधिकार वाला नागरिक बनाता है।

मकान मालिक के अधिकार

  • समय पर किराया प्राप्त करने का अधिकार।
  • एग्रीमेंट में तय शर्तों का पालन करवाना।
  • तय प्रक्रिया और नोटिस के बाद ही किराएदार को बेदखल करना।
  • रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के आधार पर कोर्ट से बेदखली का आदेश लेना।

विवाद की स्थिति में समाधान

  • रजिस्टर्ड एग्रीमेंट होने पर कोर्ट में न्याय पाने का अधिकार।
  • बिना रजिस्ट्रेशन के विवाद होने पर कोर्ट में केस कमजोर हो सकता है।
  • सभी शर्तें लिखित में रखें और रसीद/बैंक रिकॉर्ड संभालकर रखें।

जरूरी बातें

  • हर किराएदार को रजिस्टर्ड एग्रीमेंट बनवाना चाहिए।
  • मकान मालिक बिना नोटिस के घर खाली नहीं करा सकता।
  • सिक्योरिटी राशि की वापसी का अधिकार किराएदार के पास है।
  • बिना रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट पर भारी जुर्माना लग सकता है।
  • विवाद की स्थिति में कोर्ट सिर्फ रजिस्टर्ड एग्रीमेंट को मान्यता देता है।
  • मकान मालिक और किराएदार दोनों के लिए पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ी है।

निष्कर्ष

2025 के नए कानून और कोर्ट के फैसलों से किराएदारों को कानूनी अधिकार और सुरक्षा मिल गई है। अब मकान मालिक की मनमानी नहीं चलेगी और किराएदार भी अपने अधिकारों के लिए कोर्ट जा सकते हैं।

रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट, सुविधाएं, सिक्योरिटी राशि और परिवार की सुरक्षा जैसे अधिकार अब कानूनी रूप से मान्य हैं।

Disclaimer: यह जानकारी 2025 के नए किराया कानून, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों पर आधारित है। राज्य के अनुसार कुछ नियम अलग हो सकते हैं। किसी भी विवाद या कानूनी सलाह के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें। बिना रजिस्ट्रेशन के एग्रीमेंट पर भरोसा न करें, सभी दस्तावेज लिखित और सुरक्षित रखें।

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