Bank Cheque Rule: 2 मिनट की चूक और ₹1 लाख का नुकसान, जानिए सही चेक साइनिंग रूल

आज भी लाखों लोग अपने बैंकिंग कामों के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को चेक से जुड़े सही नियमों की जानकारी होती है। खासकर, चेक के पीछे साइन करने को लेकर लोग अक्सर भ्रमित रहते हैं।

कई बार यह छोटी सी गलती आपके पैसे फंसा सकती है या बैंकिंग फ्रॉड का कारण बन सकती है।

अक्सर देखा गया है कि 90% लोग बिना सोचे-समझे हर चेक के पीछे साइन कर देते हैं। कई बार बैंक में जमा करते समय या किसी को चेक देते वक्त लोग नियमों की अनदेखी कर बैठते हैं, जिससे उनका चेक रिजेक्ट हो सकता है या गलत हाथों में जा सकता है।

सही जानकारी न होने के कारण लोग बार-बार वही गलती दोहराते हैं।

अगर आप भी चेक से लेन-देन करते हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहां हम आपको बताएंगे कि चेक के पीछे साइन करने का असली नियम क्या है, किस स्थिति में साइन करना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे और कोई परेशानी न हो।

Bank Cheque Rule 2025

जानकारीविवरण
चेक के पीछे साइन कब जरूरीसिर्फ बियरर चेक में, जब कोई तीसरा व्यक्ति बैंक जाता है
ऑर्डर/पेयी चेक मेंपीछे साइन जरूरी नहीं
साइन का उद्देश्यपहचान की पुष्टि, बैंक की सुरक्षा
बियरर चेक क्या हैजिसमें नाम नहीं लिखा, कोई भी व्यक्ति कैश निकाल सकता है
ऑर्डर चेक क्या हैजिसमें नाम लिखा हो, पैसे उसी को मिलेंगे
साइन न करने परबैंक कैश नहीं देगा, चेक रिजेक्ट हो सकता है
गलत साइन या ओवरराइटिंगचेक बाउंस/रिजेक्ट हो सकता है
50,000 से ज्यादा अमाउंट परएड्रेस प्रूफ भी जरूरी

चेक के पीछे साइन करने में लोग कौन सी गलतियां करते हैं?

  • हर चेक के पीछे साइन करना: 90% लोग हर चेक के पीछे साइन कर देते हैं, जबकि सिर्फ बियरर चेक के लिए यह जरूरी है।
  • खाली चेक पर साइन देना: कभी भी खाली चेक पर साइन न करें, इससे फ्रॉड का खतरा बढ़ जाता है।
  • ओवरराइटिंग या गलत साइन: चेक पर ओवरराइटिंग या गलत साइन करने से चेक रिजेक्ट हो सकता है।
  • बैंक में जमा करने से पहले साइन करना: अगर आप खुद बैंक में चेक जमा कर रहे हैं और वह ऑर्डर/पेयी चेक है, तो पीछे साइन की जरूरत नहीं।

Bank Cheque Rule: चेक के पीछे साइन करने का असली नियम

  • चेक के पीछे साइन करने का नियम सिर्फ बियरर (Bearer) चेक के लिए लागू होता है।
  • बियरर चेक वह होता है जिसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिखा होता, और कोई भी व्यक्ति इसे बैंक में जमा कर नकद पैसे निकाल सकता है।
  • जब कोई तीसरा व्यक्ति बियरर चेक लेकर बैंक जाता है, तो बैंक उसके पहचान की पुष्टि के लिए चेक के पीछे साइन करवाता है।
  • यह साइन बैंक के लिए एक सुरक्षा गारंटी है कि पैसे सही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं।
  • ऑर्डर (Order) चेक या पेयी (Payee) चेक के पीछे साइन करने की जरूरत नहीं होती।

किन बातों का रखें ध्यान?

  • खाली चेक पर कभी भी साइन न करें।
  • बियरर चेक का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करें।
  • चेक पर ओवरराइटिंग या कटिंग न करें।
  • बैंक में चेक जमा करते समय नियमों का पालन करें।
  • 50,000 रुपये से ज्यादा के बियरर चेक पर एड्रेस प्रूफ देना जरूरी है।
  • चेक के पीछे साइन सिर्फ बैंक की मांग पर ही करें, खुद से न करें।
  • चेक बाउंस होने पर बैंक चार्ज भी लग सकता है।

चेक से जुड़े जरूरी नियम

  • चेक तीन महीने तक ही वैध रहता है।
  • चालू या बचत खाते के लिए ही चेक जारी किया जा सकता है।
  • चेक पर नामित व्यक्ति ही पैसे निकाल सकता है, बियरर चेक में कोई भी निकाल सकता है।
  • चेक जारी करने वाले को बिना ओवरराइटिंग के साइन करना चाहिए।

चेक के पीछे साइन से जुड़े जोखिम

  • बियरर चेक चोरी हो जाए तो पैसे कोई भी निकाल सकता है।
  • गलत साइन या ओवरराइटिंग से चेक बाउंस हो सकता है।
  • बैंक बियरर चेक पर साइन की पुष्टि के बाद ही पैसे देता है, फ्रॉड होने पर जिम्मेदारी आपकी होगी।

निष्कर्ष

चेक के पीछे साइन करने का नियम जानना हर खाताधारक के लिए जरूरी है। सिर्फ बियरर चेक के पीछे साइन करना जरूरी है, बाकी किसी भी चेक के पीछे साइन न करें।

गलत साइन या ओवरराइटिंग से बचें और खाली चेक पर कभी साइन न करें। बैंकिंग नियमों का पालन करके ही आप अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं।

Disclaimer: यह जानकारी बैंकिंग नियमों और वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह पर आधारित है। चेक से जुड़े नियम समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए बैंक की ऑफिशियल गाइडलाइन जरूर पढ़ें।

किसी भी संदेह की स्थिति में अपने बैंक से संपर्क करें। चेक का गलत इस्तेमाल या नियमों की अनदेखी से बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए हमेशा सतर्क रहें।

Author

Leave a Comment

Join Whatsapp