45 साल की उम्र में मिल सकते हैं ₹80 लाख, EPF vs PPF vs NPS में किस स्कीम में मिलेगा ज्यादा फायदा – जानिए सच

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आज के समय में हर व्यक्ति अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सही निवेश विकल्प की तलाश में रहता है। रिटायरमेंट के बाद नियमित आय, टैक्स सेविंग और पूंजी सुरक्षा – ये तीनों बातें हर निवेशक के लिए सबसे अहम होती हैं।

भारत में EPF (Employees’ Provident Fund), PPF (Public Provident Fund) और NPS (National Pension System) तीन सबसे लोकप्रिय रिटायरमेंट सेविंग स्कीम्स हैं। लेकिन सवाल यह है कि इनमें से कौन-सी योजना आपके लिए सबसे बेहतर है? कौन-सी स्कीम ज्यादा रिटर्न देती है, किसमें टैक्स छूट ज्यादा है, और किसमें जोखिम कम है?

हर स्कीम की अपनी खूबियां और सीमाएं हैं। EPF मुख्य रूप से सैलरीड कर्मचारियों के लिए है, PPF हर नागरिक के लिए खुला है, जबकि NPS में इक्विटी और डेट दोनों में निवेश कर सकते हैं।

निवेश से पहले इन तीनों योजनाओं की तुलना करना जरूरी है, ताकि आप अपने फाइनेंशियल गोल्स के हिसाब से सही चुनाव कर सकें। आइए, EPF, PPF और NPS की हर जरूरी जानकारी, तुलना, फायदे-नुकसान और 2025 के लेटेस्ट रेट्स के साथ विस्तार से समझते हैं।

EPF vs PPF vs NPS

फीचर/बिंदुEPF (Employees’ Provident Fund)PPF (Public Provident Fund)NPS (National Pension System)
कौन खोल सकता हैसिर्फ सैलरीड कर्मचारीकोई भी भारतीय नागरिककोई भी भारतीय नागरिक/NRIs
योगदान (Contribution)कर्मचारी और एम्प्लॉयर दोनों (12% वेतन)₹500-₹1.5 लाख/साल₹1,000 न्यूनतम, अधिकतम कोई सीमा नहीं
ब्याज दर (2025)8.25% (फिक्स्ड)7.1% (फिक्स्ड, हर तिमाही बदलती)9-12% (मार्केट लिंक्ड)
रिटर्न का प्रकारनिश्चित, सरकार द्वारा तयनिश्चित, सरकार द्वारा तयमार्केट लिंक्ड, इक्विटी+डेट
लॉक-इन पीरियडनौकरी तक (रिटायरमेंट/रिजाइन)15 साल (5-5 साल बढ़ा सकते हैं)60 साल की उम्र तक
टैक्स लाभEEE (पूरी तरह टैक्स फ्री)EEE (पूरी तरह टैक्स फ्री)EET (आंशिक टैक्स फ्री, आंशिक टैक्सेबल)
आंशिक निकासीकुछ जरूरतों के लिए संभव7 साल बाद आंशिक निकासीसख्त नियम, कुछ हालात में ही
रिस्कबहुत कमबहुत कममध्यम (मार्केट रिस्क)
लिक्विडिटीसीमितसीमितसबसे कम
पेंशन सुविधानहींनहींहां (एन्युइटी द्वारा)
कौन-सी उम्र में बंदरिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर15 साल (बढ़ा सकते हैं)60 साल (आंशिक निकासी पहले भी)
मैनेजमेंट फीसलागू नहींलागू नहीं0.09% प्रति वर्ष

EPF (Employees’ Provident Fund): सैलरीड कर्मचारियों के लिए सबसे लोकप्रिय

EPF भारत सरकार द्वारा संचालित एक रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसमें सैलरीड कर्मचारियों और उनके एम्प्लॉयर दोनों का योगदान होता है। हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 12% EPF में जमा होता है, उतना ही एम्प्लॉयर भी जमा करता है।

फायदे:

  • निश्चित ब्याज दर
  • टैक्स फ्री रिटर्न
  • लंबी अवधि में बड़ा फंड
  • इमरजेंसी में आंशिक निकासी

नुकसान:

  • सिर्फ सैलरीड कर्मचारियों के लिए
  • लिक्विडिटी सीमित
  • ब्याज दर फिक्स्ड, मार्केट ग्रोथ का फायदा नहीं

PPF (Public Provident Fund): हर भारतीय के लिए सुरक्षित विकल्प

PPF एक गवर्नमेंट बैक्ड सेविंग स्कीम है, जिसमें कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है – चाहे वह सैलरीड हो, बिजनेसमैन हो, हाउसवाइफ हो या स्टूडेंट।

फायदे:

  • हर किसी के लिए खुला
  • टैक्स फ्री ब्याज
  • लॉन्ग टर्म सेविंग के लिए बेस्ट
  • ब्याज दर निश्चित

नुकसान:

  • लॉक-इन पीरियड लंबा
  • सालाना निवेश सीमा
  • इमरजेंसी में फंड निकालना मुश्किल

NPS (National Pension System): मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम

NPS भारत सरकार की एक पेंशन स्कीम है, जिसमें कोई भी भारतीय नागरिक या NRI निवेश कर सकता है। इसमें निवेशक अपनी राशि इक्विटी, गवर्नमेंट बॉन्ड्स और कॉरपोरेट डेब्ट में बांट सकता है।

फायदे:

  • हाई रिटर्न पोटेंशियल
  • टैक्स छूट ज्यादा
  • पेंशन सुविधा
  • फंड अलोकेशन में लचीलापन

नुकसान:

  • मार्केट रिस्क
  • लॉक-इन लंबा
  • निकासी के समय टैक्सेबल एन्युइटी

EPF vs PPF vs NPS: रिटर्न, टैक्स और लिक्विडिटी की तुलना

बिंदु/फीचरEPFPPFNPS
ब्याज/रिटर्न8.25% (फिक्स्ड)7.1% (फिक्स्ड)9-12% (मार्केट लिंक्ड)
टैक्स छूटEEE (पूरी तरह टैक्स फ्री)EEE (पूरी तरह टैक्स फ्री)EET (आंशिक टैक्स फ्री)
निकासीरिटायरमेंट/नौकरी छोड़ने पर15 साल बाद60 साल बाद
आंशिक निकासीकुछ जरूरतों पर7 साल बादसख्त नियम
रिस्कबहुत कमबहुत कममध्यम (मार्केट रिस्क)
पेंशन सुविधानहींनहींहां (एन्युइटी)
निवेश सीमासैलरी पर निर्भर₹1.5 लाख/सालकोई सीमा नहीं
लिक्विडिटीसीमितसीमितसबसे कम

EPF vs PPF vs NPS: किसके लिए क्या सही है?

  • EPF:
    • सैलरीड कर्मचारियों के लिए
    • जो फिक्स्ड रिटर्न और टैक्स फ्री सेविंग चाहते हैं
    • नौकरी में स्थिरता है और लंबी अवधि के लिए सेविंग जरूरी है
  • PPF:
    • हर नागरिक के लिए
    • जिनका EPF नहीं है या सैलरीड नहीं हैं
    • टैक्स फ्री, सुरक्षित और लॉन्ग टर्म सेविंग चाहते हैं
  • NPS:
    • हाई रिटर्न और पेंशन चाहते हैं
    • मार्केट रिस्क लेने को तैयार हैं
    • टैक्स छूट ज्यादा चाहिए
    • रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम (पेंशन) जरूरी है

EPF vs PPF vs NPS: टैक्स छूट और रिटर्न (2025 के अनुसार)

  • EPF:
    • निवेश, ब्याज और निकासी – तीनों टैक्स फ्री
    • ब्याज दर 8.25%
    • एम्प्लॉयर का योगदान भी टैक्स फ्री
  • PPF:
    • निवेश, ब्याज और निकासी – तीनों टैक्स फ्री
    • ब्याज दर 7.1%
    • सालाना ₹1.5 लाख तक निवेश पर छूट
  • NPS:
    • 80C के तहत ₹1.5 लाख + 80CCD(1B) के तहत ₹50,000
    • 60% राशि टैक्स फ्री निकासी, 40% से एन्युइटी टैक्सेबल
    • मार्केट लिंक्ड रिटर्न (9-12%)

EPF vs PPF vs NPS: कौन-सी योजना आपके लिए बेस्ट?

  • अगर आप सैलरीड हैं और जोखिम नहीं लेना चाहते, तो EPF आपके लिए सबसे सुरक्षित और टैक्स फ्री विकल्प है।
  • अगर आप सेल्फ-एम्प्लॉइड, बिजनेसमैन या हाउसवाइफ हैं, तो PPF सबसे अच्छा और सुरक्षित लॉन्ग टर्म सेविंग विकल्प है।
  • अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, मार्केट रिस्क लेने को तैयार हैं और रिटायरमेंट के बाद पेंशन जरूरी है, तो NPS आपके लिए बेस्ट है।
  • कई लोग EPF/PPF और NPS दोनों में निवेश कर बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाते हैं।

निष्कर्ष

EPF, PPF और NPSतीनों ही योजनाएं अपने-अपने तरीके से भविष्य को सुरक्षित बनाती हैं। EPF और PPF पूरी तरह सुरक्षित, टैक्स फ्री और गवर्नमेंट गारंटी वाली स्कीम्स हैं, जबकि NPS में हाई रिटर्न और पेंशन की सुविधा है, लेकिन इसमें मार्केट रिस्क भी है।

निवेश से पहले अपनी उम्र, जोखिम लेने की क्षमता, टैक्स प्लानिंग और रिटायरमेंट गोल्स को ध्यान में रखें। सही पोर्टफोलियो के लिए EPF/PPF और NPS का बैलेंस बनाना सबसे समझदारी भरा कदम है।

Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। EPF, PPF और NPS तीनों ही असली सरकारी निवेश योजनाएं हैं और इनकी शर्तें, ब्याज दरें और टैक्स नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। निवेश से पहले लेटेस्ट नियम और अपनी जरूरत के अनुसार विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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