भारत में ट्रेन यात्रा का अपना ही मजा है। भारतीय रेलवे हर दिन करोड़ों यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है। सफर के दौरान यात्रियों को कई सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें से सबसे जरूरी है भोजन।
आमतौर पर ट्रेनों में खाना खरीदना पड़ता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसी ट्रेन भी है, जिसमें सफर के दौरान यात्रियों को बिल्कुल मुफ्त में खाना मिलता है? इस अनोखी सेवा के बारे में जानकर आपको गर्व भी होगा और हैरानी भी।
यह ट्रेन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट का साधन नहीं, बल्कि सेवा, श्रद्धा और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। यहां न सिर्फ पेट भरने के लिए, बल्कि दिल से सेवा करने के लिए खाना परोसा जाता है।
खास बात यह है कि इस ट्रेन में हर क्लास के यात्री को एक जैसा खाना मिलता है, चाहे वह जनरल डिब्बा हो या एसी कोच। आइए, जानते हैं इस ट्रेन के बारे में पूरी डिटेल, इसकी खासियतें, इतिहास, और इसमें मिलने वाली भोजन व्यवस्था के बारे में।
Sachkhand Express Train
विशेषता | विवरण |
ट्रेन का नाम | सचखंड एक्सप्रेस (Sachkhand Express) |
ट्रेन नंबर | 12715 / 12716 |
शुरुआत वर्ष | 1995 |
यात्रा मार्ग | नांदेड़ (महाराष्ट्र) से अमृतसर (पंजाब) |
कुल दूरी | लगभग 2081 किलोमीटर |
कुल समय | लगभग 33 घंटे |
कुल स्टेशन | 39 |
मुफ्त भोजन सेवा | 6 प्रमुख स्टेशनों पर |
भोजन का प्रकार | शुद्ध शाकाहारी, लंगर सेवा |
सेवा का खर्च | गुरुद्वारे के दान से |
किसको मिलता है | सभी क्लास के यात्री (जनरल से एसी तक) |
भोजन में क्या-क्या मिलता है | कढ़ी-चावल, दाल, सब्जी, रोटी, खिचड़ी, छोले आदि |
Indian Railway की इस ट्रेन में खाना मिलता है बिल्कुल फ्री में
भारत की जिस ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को मुफ्त में खाना मिलता है, उसका नाम है सचखंड एक्सप्रेस (Sachkhand Express)। यह ट्रेन महाराष्ट्र के नांदेड़ से पंजाब के अमृतसर तक चलती है। सचखंड एक्सप्रेस दो प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों – श्री हजूर साहिब नांदेड़ और श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर – को जोड़ती है। इसी वजह से यह ट्रेन न सिर्फ आम यात्रियों, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए भी बेहद खास है।
सचखंड एक्सप्रेस की खासियतें
- यह ट्रेन करीब 2081 किलोमीटर की दूरी तय करती है और सफर में लगभग 33 घंटे का समय लेती है।
- सचखंड एक्सप्रेस का नंबर 12715/12716 है।
- यह ट्रेन कुल 39 स्टेशनों पर रुकती है।
- सफर के दौरान 6 प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों को लंगर (मुफ्त भोजन) की सेवा दी जाती है।
- इस सेवा की शुरुआत 1995 में हुई थी और तब से यह लगातार चल रही है।
- लंगर सेवा का खर्चा गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से उठाया जाता है।
- जनरल से लेकर एसी कोच तक के सभी यात्री इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते वे अपने बर्तन साथ लाए।
किन स्टेशनों पर मिलता है मुफ्त लंगर?
- नई दिल्ली
- भोपाल
- परभणी
- जालना
- औरंगाबाद
- मराठवाड़ा
लंगर सेवा की शुरुआत कैसे हुई?
सचखंड एक्सप्रेस में लंगर सेवा की शुरुआत 1995 में एक स्थानीय सिख व्यापारी ने श्रद्धा और सेवा भाव से की थी। धीरे-धीरे यह सेवा लोकप्रिय होती गई और फिर हजूर साहिब गुरुद्वारा ट्रस्ट ने इसे अपने हाथ में ले लिया। अब यह पूरी व्यवस्था गुरुद्वारे द्वारा संचालित होती है और हर दिन हजारों यात्रियों को खाना परोसा जाता है।
क्या खाना मिलता है?
- कढ़ी-चावल
- दाल
- सब्जी (आलू-गोभी या मौसमी सब्जी)
- रोटी
- खिचड़ी
- छोले
यात्रियों को क्या करना होता है?
- यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बर्तन (थाली, कटोरी आदि) साथ लेकर आएं।
- लंगर सेवा ट्रेन के अंदर या प्लेटफॉर्म पर स्वयंसेवकों द्वारा लाइन में परोसी जाती है।
- सभी यात्रियों को समान रूप से भोजन दिया जाता है, चाहे उनकी टिकट किसी भी क्लास की हो।
- यह सेवा पूरी तरह सिख धर्म की सेवा और बराबरी की भावना को दर्शाती है।
लंगर सेवा का खर्च कौन उठाता है?
इस सेवा का पूरा खर्च गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से उठाया जाता है। इसमें रेलवे या सरकार का कोई सीधा खर्च नहीं है। यह सेवा पूरी तरह समाजसेवा और श्रद्धा से चलती है। यही वजह है कि पिछले 29 सालों से यह सेवा बिना रुके चल रही है।
सचखंड एक्सप्रेस – यात्रियों के अनुभव
- कई यात्रियों का कहना है कि इस ट्रेन में सफर करना एक अलग ही अनुभव है।
- खाने की गुणवत्ता और स्वाद की हर कोई तारीफ करता है।
- सेवा का तरीका, स्वयंसेवकों की विनम्रता और लंगर की व्यवस्था यात्रियों को भावुक कर देती है।
- कई विदेशी यात्री भी इस सेवा से प्रभावित होकर अपने देश में ऐसी व्यवस्था की मांग करते हैं।
Indian Railways की अन्य फ्री फूड सर्विस – क्या है हकीकत?
- राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों में खाना टिकट के साथ शामिल होता है, अलग से मुफ्त नहीं।
- ट्रेन लेट होने पर कुछ प्रीमियम ट्रेनों में यात्रियों को फ्री खाना मिलता है, लेकिन यह एक अस्थायी सुविधा है।
- सचखंड एक्सप्रेस ही एकमात्र ऐसी ट्रेन है जिसमें नियमित रूप से सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन मिलता है।
निष्कर्ष
सचखंड एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल है। यह ट्रेन न सिर्फ यात्रा का साधन है, बल्कि सेवा, श्रद्धा और समानता का प्रतीक भी है। इसमें मिलने वाला मुफ्त भोजन सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि दिल से सेवा करने और भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए है।
अगर आप कभी नांदेड़ से अमृतसर या अमृतसर से नांदेड़ की यात्रा करें, तो एक बार सचखंड एक्सप्रेस में सफर जरूर करें और इस अनोखी सेवा का अनुभव लें।
Disclaimer: यह आर्टिकल पूरी तरह से उपलब्ध तथ्यों और मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। सचखंड एक्सप्रेस में यात्रियों को सफर के दौरान मुफ्त में खाना (लंगर) मिलता है, यह बात पूरी तरह सच है।
हालांकि, भारतीय रेलवे की अन्य ट्रेनों में मुफ्त भोजन की जो बातें कही जाती हैं, वे पूरी तरह सही नहीं हैं – प्रीमियम ट्रेनों में खाना टिकट के साथ चार्ज होता है, और कुछ मामलों में ट्रेन लेट होने पर ही मुफ्त खाना मिलता है।
सचखंड एक्सप्रेस ही भारत की इकलौती ट्रेन है जिसमें नियमित रूप से सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन सेवा दी जाती है।