भारत में गेहूं (Wheat) एक प्रमुख अनाज है, जिसकी खेती देश के हर कोने में होती है। हर साल अप्रैल-मई के महीने में नई फसल की आवक के साथ ही मंडियों में गेहूं के भाव में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
किसान, व्यापारी और आम उपभोक्ता – सभी के लिए यह जानना जरूरी हो जाता है कि आज गेहूं का भाव क्या है (Gehun Ka Bhav Aaj Ka), किस मंडी में रेट ज्यादा है, और किस जगह भाव कम मिल रहा है।
28 अप्रैल 2025 को देशभर की मंडियों में गेहूं के भाव में हल्की से लेकर तेज़ तेजी देखी गई है। कुछ मंडियों में रेट एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं, तो कहीं-कहीं भाव में स्थिरता भी है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे – 28 अप्रैल 2025 को देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं का ताजा भाव क्या है, किस राज्य में रेट सबसे ज्यादा है, किस मंडी में न्यूनतम और अधिकतम रेट मिल रहा है, और आने वाले दिनों में गेहूं के भाव का रुख कैसा रह सकता है।
साथ ही, हम आपको बताएंगे कि गेहूं के भाव को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं और किसान-व्यापारी को क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए।
Wheat Price (28 अप्रैल 2025)
बिंदु | विवरण/रेट (28 अप्रैल 2025) |
औसत मंडी भाव (देशभर) | ₹2,981.88 प्रति क्विंटल |
न्यूनतम मंडी भाव | ₹600 प्रति क्विंटल |
अधिकतम मंडी भाव | ₹6,000 प्रति क्विंटल (मुंबई मंडी) |
दिल्ली मंडी भाव | ₹2,700 प्रति क्विंटल |
उत्तर प्रदेश | ₹2,030 प्रति क्विंटल |
मध्य प्रदेश | ₹1,940 से ₹2,955 प्रति क्विंटल |
पंजाब/हरियाणा | ₹2,015 प्रति क्विंटल |
गुजरात | ₹2,105 से ₹3,000 प्रति क्विंटल |
महाराष्ट्र | ₹2,090 प्रति क्विंटल |
बिहार | ₹2,425 प्रति क्विंटल |
राजस्थान | ₹1,921 प्रति क्विंटल |
छत्तीसगढ़ | ₹2,075 प्रति क्विंटल |
केरल | ₹2,150 प्रति क्विंटल |
मंडियों में आवक | 800 टन से अधिक (मुंबई मंडी) |
एमएसपी (2024-25) | ₹2,275 प्रति क्विंटल (सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य) |
आज का गेहूं का भाव – प्रमुख राज्यों और मंडियों में
राज्य/मंडी | न्यूनतम भाव (₹/क्विंटल) | अधिकतम भाव (₹/क्विंटल) | औसत भाव (₹/क्विंटल) |
दिल्ली | 2,700 | 2,700 | 2,700 |
यूपी | 2,030 | 2,100 | 2,065 |
एमपी | 1,940 | 2,955 | 2,400 |
पंजाब/हरियाणा | 2,015 | 2,100 | 2,057 |
राजस्थान | 1,921 | 2,200 | 2,060 |
गुजरात | 2,105 | 3,000 | 2,500 |
महाराष्ट्र | 2,090 | 6,000 | 2,800 |
बिहार | 2,425 | 2,425 | 2,425 |
छत्तीसगढ़ | 2,075 | 2,075 | 2,075 |
केरल | 2,150 | 2,150 | 2,150 |
ओडिशा | 2,800 | 2,800 | 2,800 |
हिमाचल/उत्तराखंड | 2,025 | 2,378 | 2,200 |
गेहूं के भाव में उतार-चढ़ाव के कारण
- नई फसल की आवक: अप्रैल-मई में नई फसल मंडी में पहुंचने से भाव में गिरावट या स्थिरता आ सकती है।
- सरकारी खरीद: एफसीआई और राज्य सरकारों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीद से भाव में स्थिरता आती है।
- मांग और आपूर्ति: आटा मिलों, व्यापारियों और निर्यातकों की मांग बढ़ने पर भाव में तेजी आती है।
- मौसम का असर: बारिश, ओलावृष्टि या सूखा जैसे कारक उत्पादन और भाव दोनों को प्रभावित करते हैं।
- निर्यात और आयात नीति: सरकार की नीति में बदलाव से भी बाजार भाव प्रभावित होता है।
- स्टॉक लिमिट और भंडारण: व्यापारियों के पास भंडारण क्षमता और स्टॉक की स्थिति भी भाव तय करती है।
गेहूं के भाव में हालिया तेजी के कारण
- महाराष्ट्र की मुंबई मंडी में आवक कम और मांग ज्यादा होने से ₹6,000 प्रति क्विंटल तक रेट पहुंच गया।
- देश के अन्य हिस्सों में भी आटा मिलों की खरीद बढ़ने से भाव में हल्की तेजी आई है।
- कई राज्यों में सरकारी खरीद सुस्त होने से खुले बाजार में भाव ऊपर चल रहे हैं।
- आने वाले दिनों में यदि सरकारी खरीद तेज होती है या निर्यात नीति में बदलाव होता है, तो भाव में उतार-चढ़ाव आ सकता है।
गेहूं के भाव – किसे क्या फायदा?
- किसान: भाव बढ़ने से किसानों को अपनी फसल का अच्छा दाम मिलता है।
- व्यापारी: तेजी के समय स्टॉक बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
- आम उपभोक्ता: भाव बढ़ने से आटा, ब्रेड, बिस्किट आदि के दाम बढ़ सकते हैं।
- सरकार: समर्थन मूल्य पर खरीद से किसानों को राहत, लेकिन भाव ज्यादा बढ़ने पर महंगाई का दबाव।
गेहूं की किस्मों के भाव में अंतर
- लोकल गेहूं: सामान्य किस्म, भाव औसतन ₹2,000 – ₹2,400 प्रति क्विंटल
- शरबती गेहूं: प्रीमियम किस्म, भाव ₹2,500 – ₹3,000 प्रति क्विंटल
- मिल क्वालिटी: आटा मिलों के लिए, भाव ₹2,400 – ₹2,700 प्रति क्विंटल
- सुजाता गेहूं: कुछ मंडियों में ₹2,700 प्रति क्विंटल
गेहूं का MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 2024-25
सरकार ने 2024-25 के लिए गेहूं का एमएसपी ₹2,275 प्रति क्विंटल तय किया है। कई मंडियों में भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है।
आने वाले दिनों में गेहूं के भाव का अनुमान
- नई फसल की आवक बढ़ने पर भाव में थोड़ी नरमी आ सकती है।
- सरकारी खरीद बढ़ने पर भाव स्थिर रह सकते हैं।
- निर्यात मांग बढ़ने पर भाव में फिर से तेजी आ सकती है।
- मौसम सामान्य रहा तो भाव में बहुत बड़ी गिरावट की संभावना कम है।
किसान और व्यापारी के लिए सुझाव
- मंडी में फसल बेचने से पहले ताजा भाव जरूर चेक करें।
- सरकारी खरीद केंद्रों पर एमएसपी का लाभ उठाएं।
- स्टॉक संभालते समय बाजार के रुझान पर नजर रखें।
- भाव बढ़ने पर धीरे-धीरे बिक्री करें, एक साथ स्टॉक न निकालें।
निष्कर्ष
28 अप्रैल 2025 को देशभर की मंडियों में गेहूं के भाव में हल्की से तेज़ तेजी देखने को मिली है। कई राज्यों में भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं, जो किसानों के लिए फायदेमंद है। महाराष्ट्र की मुंबई मंडी में सबसे ज्यादा रेट ₹6,000/क्विंटल तक पहुंच गया, जबकि औसत भाव ₹2,981.88/क्विंटल रहा।
नई फसल की आवक, सरकारी खरीद, मांग और मौसम – ये सभी कारक भाव को प्रभावित कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यदि सरकारी खरीद तेज होती है, तो भाव स्थिर रह सकते हैं।
निर्यात नीति, मौसम और बाजार की डिमांड के अनुसार भाव में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। किसान और व्यापारी दोनों को सलाह है कि मंडी भाव पर नजर रखें और सोच-समझकर बिक्री करें।
Disclaimer: यह लेख 28 अप्रैल 2025 के उपलब्ध मंडी भाव, सरकारी रिपोर्ट्स और मीडिया अपडेट्स पर आधारित है। सभी आंकड़े ताजा मंडी भाव और सरकारी घोषणाओं के अनुसार दिए गए हैं।
गेहूं के भाव में हर दिन बदलाव संभव है, इसलिए मंडी में फसल बेचने या खरीदने से पहले स्थानीय मंडी का ताजा रेट जरूर चेक करें। यहां दी गई जानकारी पूरी तरह सही है, लेकिन अंतिम निर्णय से पहले अपनी मंडी में भाव की पुष्टि अवश्य करें।