देशभर में हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों के लिए सरकार ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब अगर आपका घर या ऑफिस टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के दायरे में है, तो आपको रोजाना की आवाजाही पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
सरकार ने सितंबर 2024 में यह नया नियम लागू किया है, जिससे लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों के खर्च को कम करना, टोल प्लाजा पर भीड़ घटाना और टोल वसूली को पारदर्शी बनाना है।
इस नई नीति के तहत, अब वाहन चालकों को “जितनी दूरी, उतना टोल” के सिद्धांत पर शुल्क देना होगा। यानी, 20 किलोमीटर तक की यात्रा पर कोई शुल्क नहीं, लेकिन उससे अधिक दूरी तय करने पर सिर्फ अतिरिक्त किलोमीटर का ही टोल देना होगा।
यह नियम मुख्य रूप से उन निजी वाहन मालिकों के लिए है, जिनका घर या कार्यस्थल टोल प्लाजा के आसपास है और जो रोजाना हाईवे से गुजरते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वाहन में GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) आधारित ऑन-बोर्ड यूनिट लगाना अनिवार्य है।
20KM Toll Exemption Rule
बिंदु | विवरण |
नियम लागू होने की तारीख | सितंबर 2024 |
लागू क्षेत्र | भारत के सभी नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे, बाईपास, स्थायी पुल, सुरंग |
लाभार्थी वाहन | निजी वाहन (कार, SUV, वैन आदि) |
अपवाद | नेशनल परमिट वाले कमर्शियल वाहन, भारी वाहन |
फ्री यात्रा सीमा | प्रति दिशा 20 किलोमीटर (हर दिन) |
तकनीक | GNSS (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम) आधारित टोलिंग |
मुख्य उद्देश्य | स्थानीय निवासियों को राहत, टोल प्लाजा पर भीड़ कम करना, पारदर्शिता |
जरूरी शर्त | वाहन में GNSS यूनिट होना अनिवार्य |
अतिरिक्त नियम | बिना GNSS यूनिट के वाहन पर दोगुना टोल |
अन्य छूट | सरकारी, आपातकालीन, सैन्य वाहन, टू-व्हीलर |
20KM के दायरे में फ्री यात्रा – नए टोल नियम की पूरी जानकारी
कौन कर सकता है फ्री यात्रा का लाभ?
- जिनका घर, दफ्तर या अन्य स्थायी ठिकाना टोल प्लाजा से 20 किमी के दायरे में है।
- निजी वाहन मालिक (कार, SUV, वैन आदि)।
- रोजाना हाईवे या एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले स्थानीय निवासी।
- छोटे शहरों और गांवों के लोग, जिनका जीवन टोल प्लाजा के आसपास है।
किन्हें नहीं मिलेगा लाभ?
- नेशनल परमिट वाले कमर्शियल वाहन (ट्रक, बस, मालवाहक वाहन)।
- भारी वाहन, जो व्यवसायिक उपयोग में आते हैं।
- ऐसे वाहन जिनमें GNSS यूनिट नहीं लगी है।
GNSS आधारित टोलिंग क्या है?
GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम एक ऐसी तकनीक है, जिससे वाहन की यात्रा दूरी सैटेलाइट के जरिए ट्रैक होती है। वाहन में GNSS यूनिट लगवाने के बाद, जैसे ही आप टोल प्लाजा के पास से गुजरते हैं, आपकी यात्रा की दूरी अपने-आप रिकॉर्ड हो जाती है।
20 किलोमीटर तक की यात्रा पर कोई शुल्क नहीं कटता। 20 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने पर सिर्फ अतिरिक्त दूरी का ही टोल कटता है। इससे टोल बूथ पर रुकने की जरूरत नहीं पड़ती और समय की भी बचत होती है।
20KM फ्री टोल यात्रा – नियमों की मुख्य बातें
- हर दिशा में 20KM तक फ्री यात्रा: आप एक दिन में दोनों तरफ 20-20 किलोमीटर तक मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।
- GNSS यूनिट अनिवार्य: फ्री यात्रा का लाभ सिर्फ उन्हीं वाहनों को मिलेगा, जिनमें GNSS यूनिट लगी होगी।
- टोल बूथ पर रुकना नहीं पड़ेगा: GNSS से लैस वाहन सीधे एक्सक्लूसिव लेन से गुजर सकते हैं।
- दूरी के हिसाब से टोल: 20 किलोमीटर के बाद जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल कटेगा।
- बिना GNSS यूनिट के वाहन पर दोगुना टोल: अगर बिना GNSS यूनिट के वाहन एक्सक्लूसिव लेन में आते हैं, तो दोगुना टोल देना होगा।
- कुछ वाहनों को हमेशा छूट: सरकारी, आपातकालीन, सैन्य और सार्वजनिक वाहनों को टोल टैक्स नहीं देना पड़ता।
- टू-व्हीलर को टोल टैक्स नहीं: भारत में दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स नहीं लगता।
20KM फ्री यात्रा के लिए जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र (राशन कार्ड, वोटर आईडी, बिजली बिल आदि)
- वाहन का रजिस्ट्रेशन (RC)
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट (यदि उपलब्ध हो)
- पैन कार्ड (यदि मांगा जाए)
20KM फ्री टोल यात्रा – चरणबद्ध प्रक्रिया
- वाहन में GNSS यूनिट इंस्टॉल कराएं।
- जरूरी दस्तावेज़ (आधार, निवास प्रमाण, RC, DL आदि) जमा करें।
- टोल प्लाजा पर एक्सक्लूसिव GNSS लेन से गुजरें।
- 20KM तक यात्रा पर कोई टोल नहीं कटेगा।
- 20KM से अधिक यात्रा पर उतनी दूरी का टोल शुल्क कटेगा।
- बिना GNSS यूनिट के वाहन पर दोगुना टोल शुल्क लगेगा।
20KM फ्री यात्रा – किसे कितना फायदा?
स्थानीय निवासियों को राहत
- रोजाना ऑफिस, स्कूल, बाजार जाने वालों को टोल टैक्स से राहत।
- छोटे शहरों और गांवों के लोगों को भी फायदा, जो हाईवे के पास रहते हैं।
- ट्रैफिक जाम और टोल प्लाजा पर रुकने में समय की बचत।
निजी वाहन चालकों को फायदा
- हर दिन 20 किमी तक फ्री यात्रा, जिससे मासिक खर्च में कटौती।
- लंबी दूरी के सफर में भी टोल सिर्फ उतनी ही दूरी का देना होगा, जितनी आपने तय की है।
सरकार और प्रशासन को लाभ
- टोल प्लाजा पर भीड़ कम होगी।
- टोल वसूली में पारदर्शिता और डिजिटलाइजेशन बढ़ेगा।
- फर्जीवाड़ा और टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी।
20KM फ्री यात्रा – नीति के पीछे सरकार का उद्देश्य
- स्थानीय निवासियों को राहत देना: रोजाना हाईवे से गुजरने वालों का खर्च कम करना।
- डिजिटल टोलिंग को बढ़ावा देना: GNSS जैसी आधुनिक तकनीक से टोलिंग को पारदर्शी और तेज बनाना।
- ट्रैफिक जाम कम करना: टोल बूथ पर रुकने की जरूरत खत्म करना।
- पर्यावरण संरक्षण: टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम होने से प्रदूषण में भी कमी आएगी।
- राजस्व में पारदर्शिता: डिजिटल सिस्टम से टैक्स चोरी और फर्जीवाड़ा रोकना।
20KM फ्री यात्रा – भविष्य की योजनाएं और बदलाव
- सरकार आने वाले समय में पूरे देश में GNSS आधारित टोलिंग को लागू करने की योजना बना रही है।
- टोल बूथों को हटाकर पूरी तरह डिजिटल टोलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
- वार्षिक पास (Annual Pass) और प्रति किलोमीटर शुल्क की व्यवस्था भी लागू की जा सकती है।
- इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग, ANPR सिस्टम (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) और अन्य तकनीकें भी जल्द लागू होंगी।
- लंबी दूरी के यात्रियों के लिए वार्षिक पास या विशेष छूट की व्यवस्था भी प्रस्तावित है।
निष्कर्ष
20KM के दायरे में फ्री यात्रा – सरकार ने टोल पास के नए नियम किए लागू! यह नियम निजी वाहन चालकों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे न सिर्फ रोजाना सफर करने वालों का खर्च कम होगा, बल्कि टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम और समय की बर्बादी भी घटेगी।
GNSS आधारित टोलिंग से पारदर्शिता और तकनीकी सुविधा दोनों बढ़ेंगी। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ निजी वाहनों के लिए है और कमर्शियल वाहनों को इससे बाहर रखा गया है। आने वाले समय में सरकार और भी डिजिटल टोलिंग सिस्टम लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
Disclaimer: यह लेख सरकारी अधिसूचना और समाचार रिपोर्ट्स पर आधारित है। 20KM के दायरे में फ्री यात्रा का नियम पूरी तरह वास्तविक है और भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सितंबर 2024 से लागू किया गया है।
यह सुविधा सिर्फ निजी वाहनों के लिए है और इसमें कुछ शर्तें व तकनीकी आवश्यकताएं (जैसे GNSS यूनिट) लागू हैं। नियमों में समय-समय पर बदलाव संभव है, अतः ताजा जानकारी के लिए सरकारी अधिसूचना जरूर देखें